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बड़ी खबर: भाजपा की सूची जारी होते ही बहुगुणा ने किया बगावत, पार्टी छोड़ी, लड़ेंगे निर्दल चुनाव

locationजालौनPublished: Nov 04, 2017 03:41:36 pm

Submitted by:

shatrughan gupta

पार्टी बगावती कार्यकर्ताओं को साधने के लिए मैदान में अपने धुरंधरों को उतारने जा रही है, ताकि वह नाराज कार्यकर्ताओं और नेताओं को मना सकें।

Anil Bahuguna

Anil Bahuguna

जालौन. उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी द्वारा पहली सूची जारी होते ही उन नेताओं ने बगावत शुरू कर दी है, जिनका टिकट पार्टी ने काट दिया है। ऐसे दावेदार अब भाजपा को हराने के लिए चुनाव मैदान में निर्दल प्रत्याशी के रूप में उतरेंगे। वहीं, पार्टी बगावती कार्यकर्ताओं को साधने के लिए मैदान में अपने धुरंधरों को उतारने जा रही है, ताकि वह नाराज कार्यकर्ताओं और नेताओं को मना सकें।
भाजपा ने शुक्रवार देर शाम जैसे ही नगर निकाय चुनाव के प्रत्याशियों की सूची जारी की, वैसे ही पार्टी में बगावत के सुर फूटने लगे। पुराने कार्यकर्ताओं ने पार्टी से बगावत करनी शुरू कर दी है। ऐसा ही जालौन में देखने को मिला। उरई नगर पालिका अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे भाजपा के 36 साल पुराने पार्टी कार्यकर्ता अनिल बहुगुणा को जब पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो उन्होंने पार्टी के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया। उन्होंने अपने समर्थकों और वैश्य समाज को एकत्रित करते हुए पार्टी का दामन छोड़कर खुद निर्दलीय चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी।
सांसद, विधायकों की सहमति के बाद भी कट गया टिकट

बता दें कि जब जालौन में परिसीमन हुआ था और उरई नगर पालिका का अध्यक्ष पद सामान्य हुआ था, तब से उरई नगर पालिका अध्यक्ष पद के नाम पर भाजपा से अनिल बहुगुणा के नाम पर मुहर लगना लगभग तय हो गया था। क्योंकि अनिल बहुगुणा पार्टी के सबसे पुराने और संघ के नेता माने जाते हैं और वर्तमान में जालौन-गरौठा-भोगनीपुर लोकसभा सीट के पालक भी हैं, जिस कारण इनके नाम पर भाजपा जिलाध्यक्ष उदयन पालीवाल के साथ सांसद भानु प्रताप वर्मा, साथ उरई विधायक गौरीशंकर वर्मा, माधौगढ़ विधायक मूलचन्द्र निरंजन और कालपी विधायक नरेंद्र पाल सिंह जादौन की सहमति बन गई थी और पैनल में उनका नाम भी सबसे ऊपर था, लेकिन पार्टी ने उन्हे दरकिनार करते हुए परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के करीबी दिलीप दुबे को उरई नगर पालिका से प्रत्याशी बना दिया।
… और भी नेता-कार्यकर्ता कर सकते हैं बगावत

इसकी घोषणा होते ही कई भाजपाई दिग्गज अचरज में पड़ गए और पार्टी से बगावत के सुर फूटने लगे, जिसमें सबसे पहले बगावत भाजपा के दिग्गज नेता अनिल बहुगुणा ने की। उन्होंने सुबह सभी समर्थकों को बुलाया और उनके साथ बैठक की। इसके बाद उन्होंने वैश्य समाज के वरिष्ठ लोगों के साथ बैठक की, जिसके सभी ने एक स्वर में अनिल बहुगुणा को चुनाव निर्दलीय लडऩे के लिए कहा। सहमति बनने के बाद अनिल बहुगुणा ने भाजपा से इस्तीफा देते हुए छह नवंबर को निर्दलीय नामांकन भरने की घोषणा कर दी।
36 साल की पार्टी की सेवा, मिला यह सीला

अनिल बहुगुणा ने बताया कि उन्होंने 36 साल निस्वार्थ भाव से भाजपा की सेवा की, जब पार्टी से पहली बार टिकट मांगा तो पार्टी के कुछ लोगों ने वरिष्ठों को मिस गाइड करते हुए उनका टिकट काट दिया और यही भाजपा की सबसे बड़ी हार होगी। उन्होंने कहा कि वह 6 नवंबर को नामांकन दाखिल करेंगे। जब इस मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष उदयन पालीवाल के साथ जिला उपाध्यक्ष और जिला महामंत्री से बात करनी चाही गई तो किसी ने भी फोन उठाने की जहमत नहीं की। लेकिन इतना साफ हो गया है कि अब भाजपा के यह बगावती नेता पार्टी को पूरे जिले में नुकसान पहुंचाएंगे।
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