नदी के पास मिला लापता बालक का शव
गत सोमवार की शाम चार बजे गुलगाम कुपवाड़ा के रहने वाले फारुक अहमद मलिक का नौ वर्षीय पुत्र उमर फारुक घर से बाहर खेलने गया था और उसके बाद गायब हो गया था। उसके परिजनों ने उसके लापता होने की शिकायत भी दर्ज कराई, लेकिन पुलिस को उसका कोई सुराग नहीं लगा सकी। स्थानीय लोगों ने इस घटना के खिलाफ गत मंगलवार को कुपवाड़ा-तंगधार सड़क पर धरना भी दिया था।
पुलिस कांस्टेबल को बनाया बंधक
गत वीरवार को गुलगाम से कुछ ही दूरी पर स्थित गुशी गांव में लोगों ने गांव के बाहरी छोर पर नाले के पास एक बच्चे की अधजली लाश देखी। उसका बायां बाजू कटा हुआ था। उन्होंने उसी समय पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया था। जांच में यह शव लापता उमर फारुक का पाया गया। उमर का शव मिलने की खबर के साथ ही पूरे इलाके में तनाव फैल गया और पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन भी शुरू हो गए। इसी दौरान वहां मौजूद राज्य पुलिस की विशेष शाखा के एक कर्मी गुलाम मोहिउद्दीन को हिंसा पर उतारु भीड़ ने पकड़कर पीटा। भीड़ ने उन्हें बंधक बना एक कमरे में बंद कर दिया। इसका पता चलते ही एएसपी कुपवाड़ा के नेतृत्व में एक पुलिस दल उसे छ़ुडाने मौक पर पहुंचा। पुलिसदल ने बड़ी मुश्किल से कांस्टेबल गुलाम मोहिउद्दीन को छुडाया। इस दौरान तीन लोग जख्मी हुए।
कांस्टेबल के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई
पुलिस के वरिष्ठ अधीक्षक कुपवाड़ा श्रीराम अंबरकर दिनकर ने कांस्टेबल को बंधक बनाने और पीटे जाने की पुष्टि करते हुए कहा इस मामले में एक एफआईआर दर्ज कर ली गई है। आरोपितों को चिन्हित किया जा रहा है। उन्हें जल्द गिरफ्तार कर उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
हत्या के मामले की जांच करने के लिए एसआईटी गठित
नाबालिग की लापता होने व उसकी निर्मम हत्या में लिप्त तत्वों के पकड़े जाने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हमने पूरा मामला हल करने के लिए एसआईटी गठित की जा चुकी है। कुछ संदिग्ध तत्वों की निशानदेही कर उन्हें पूछताछ के लिए भी तलब किया जा रहा है। इस बीच, नाबालिग की हत्या के खिलाफ शुक्रवार सोगाम, कुपवाड़ा और लोलाब में लोगों ने पूर्ण हड़ताल रखी। सभी दुकानें और निजी प्रतिष्ठान बंद रहे। सरकारी कार्यालय हालांकि खुले थे, लेकिन प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखा। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही भी लगभग नाममात्र ही रही।