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CG News: CMHO को हटाने का आदेश निरस्त, कोर्ट ने कहा- जूनियर अफसर को नहीं बिठाया जा सकता सीनियर के ऊपर

CG News: जांजगीर जिले में महिला सीएमएचओ को हटाकर उनके ऊपर जूनियर को सीएमएचओ बनाने के आदेश को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।

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हाईकोर्ट ने 7 याचिकाओं पर एक साथ पहली बार हिंदी में किया फैसला, जानें मामला..

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CG News: छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में महिला सीएमएचओ को हटाकर उनके ऊपर जूनियर को सीएमएचओ बनाने के आदेश को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जूनियर अफसर को सीनियर के ऊपर नियुक्त करना नियमों के विपरीत है। इसके साथ ही महिला सीएमएचओ को बनाए रखने के हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने आदेश दिए है।

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CG News: हाईकोर्ट का आदेश

CG News: मामला बिलासपुर संभाग के जांजगीर चांपा जिले में स्वास्थ्य विभाग का है। यहां चीफ मेडिकल ऑफिसर के पद पर गायनोलॉजिस्ट डॉ. स्वाति वंदना सिसोदिया पदस्थ थीं। इससे पहले वे कोरबा जिले की सीएमएचओ थीं। उनका ट्रांसफर 26 मार्च 2024 को जांजगीर जिले में सीएमएचओ के पद पर किया गया।

5 माह बाद ही स्वास्थ्य विभाग ने 16 अगस्त 2024 को एक आदेश जारी करते हुए सीएमएचओ के पद से हटाकर उनको जांजगीर जिला अस्पताल में गायनोलॉजिस्ट के पद पर पदस्थ कर दिया। उनकी जगह डॉ. मनोज बर्मन को जांजगीर का सीएमएचओ बना दिया गया। डॉ. सिसोदिया ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने शासन के आदेश पर स्टे दे दिया। कोर्ट का यह फैसला कम और ज्यादा अनुभवियों के लिए नजीर बन सकता है।

प्रदेश में पांचवें नंबर की सीनियर डॉक्टर

मामले की अंतिम सुनवाई जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की सिंगल बेंच में हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता हिमांशु पांडेय ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता का तबादला मात्र 5 माह पहले ही हुआ है। याचिकाकर्ता के जूनियर को सीएमएचओ बना कर उन्हें जिला अस्पताल में गायनोलॉजिस्ट के पद पर भेज दिया गया। जबकि डॉ. सिसोदिया वरिष्ठता में सिविल सर्जन और सीएमएचओ दोनों के ऊपर हैं। जिन डॉ. मनोज बर्मन को सीएमएचओ का प्रभार दिया गया है, उन्होंने केवल एमबीबीएस किया है और मेडिकल ऑफिसर के पद पर हैं।

मेडिकल ऑफिसर का पद क्लास 2 ऑफिसर का पद होता है। जबकी सीएमएचओ का पद क्लास वन अफसर का पद है। डॉक्टर स्वाति वंदना सिसोदिया एमबीबीएस के साथ ही गायनोलॉजिस्ट स्पेशलिस्ट हैं। वे क्लास 1 अफसर हैं और सीनियारिटी में प्रदेश में पांचवें नंबर की सबसे सीनियर डॉक्टर हैं। इसलिए सीएमएचओ बने रहने के लिए डॉक्टर स्वाति वंदना उपयुक्त हैं।

सीनियारिटी के आधार पर आवेदन निराकरण के दिए गए निर्देश

जस्टिस राकेश मोहन पांडे की सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ता के अधिवक्ता के तर्कों को सुनने के पश्चात डॉ सिसोदिया को हटाकर जूनियर को सीएमएचओ बनाने के शासन के आदेश को गलत बताया। कोर्ट ने 15 दिनों के भीतर स्वास्थ्य सचिव के समक्ष अभ्यावेदन प्रस्तुत करने के निर्देश डॉ स्वाति को दिए। स्वास्थ्य सचिव को 35 दिनों में सीनियारिटी को ध्यान में रखकर अभ्यावेदन का नियमानुसार निराकरण करने के निर्देश दिए। तब तक के लिए सीएमएचओ का प्रभार डॉ स्वाति को ही देने का आदेश कोर्ट ने दिया।