टीचर के धमकाने के बाद डर गई थी छात्र और फिर..
स्कूल के प्रधान पाठक राम चरण राम भगत ने जल्द से छात्रों को स्थाई जाति प्रमाण पत्र लाने के लिए कहते थे। प्रधानपाठक ने धमकी भी दी थी कि यदि किसी ने प्रमाण पत्र नहीं लाया तो उसे कक्षा में नहीं बैठने दिया जाएगा। प्रधानपाठक की बातों से डरी सहमी गुलन्ती बाई अपने पिता को पैसा देकर जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए कहा। पिता 23 अक्टूबर को ही लोक सेवा केंद्र से जमीन का बी-1 नक्सा, खसरा निकालकर रखा और पटवारी प्रतिवेदन भरवाने के लिए पटवारी को ढूंढ़ते रहे। पटवारी को खोजन में ही 12 दिन गुजर गए। जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने से परेशान छात्रा गुलन्ती ने 4 नवंबर की शाम 5 बजे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मामले की सूचना 4 नवंबर को ही थाने में दे दी गई थी। पुलिस मर्ग कायम कर जांच में जुटी है।