मुझे पद्मावती मामले में मत घसीटो : आसाराम पिछले दिनों सुनवाई पर आए नाबालिग के साथ यौन दुराचार के आरोप में चार साल से मुकदमे का सामना कर रहे आसाराम ने कहा था कि फिल्म पद्मावती के मामले में मुझे मत घसीटो। मुझे किसी से लेना-देना नही है। संबंधित कोर्ट में पीठासीन अधिकारी नहीं होने से गत शनिवार को आसाराम की सुनवाई टल गई थी। गत दिनों आसाराम ने कोर्ट में आते जाते मीडियाकर्मियों से बातचीत भी की और शेर भी सुनाए थे। आसाराम ने कहा, बुरे हैं वो मर्द, जो हर हाल में खुश नहीं रहते और जिन्दगी का बोझ हर हाल में उठाना चाहिए। इसके साथ लौटते हुए अपने समर्थकों को भी चुप रहने का इशारा किया और कहा कि कोर्ट के बार-बार कहने के बावजूद हल्ला करते हैं, वो अच्छा नही है, न्यायपालिका का सम्मान करना चाहिए।
हुए कई खुलासे
अनुसूचित जाति जनजाति के विशिष्ट न्यायाधीश मधुसूदन शर्मा की अदालत में चल रहे अपने ही आश्रम की नाबालिग छात्रा के साथ यौन दुराचार में आरोपी आसाराम के मामलें में गत शुक्रवार को बचाव पक्ष की ओर से चल रही अंतिम बहस में कई खुलासे हुए। आसाराम के अधिवक्ता सज्जनराज सुराणा ने कहा कि एएसआई पुष्पलता जो पुलिस हेल्पलाईन की प्रभारी थी। उसने प्रथम सुचना रिपोर्ट कैसे लिखी, उसे यह अधिकार ही नहीं था, हेल्पलाईन रजिस्टर के कुछ पन्ने फाड़ दिए गए। इस तरह पुष्पलता ने पीडि़ता की मां तथा अन्य से मिलकर षडयंत्र पूर्वक उनके मुवक्किल को झूठा फंसाया है।
महिला पुलिस अधिकारी ने मजिस्ट्रेट के आदेश के बिना ही पीडि़ता का गैरकानूनी तरीके से दो बार मेडिकल करवा दिया। बिना उचित कारण एफआईआर को स्वयं के पास रोके रखा। अधिवक्ता सुराणा ने कहा कि इस तरह से पूरा मामला ही मनगढ़ंत तथा बेबुनियाद है। इस मामले में मुख्य आरोपी आसाराम को कड़ी सुरक्षा के साथ दोपहर दो बजे न्यायालय में पेश किया गया। इस दौरान पुलिस को आसाराम के समर्थकों को हटाने की काफी मशक्कत करनी पड़ी।