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High Court के आदेशों को नहीं मान रहे खुद सरकारी अधिकारी

locationकोटाPublished: Jun 02, 2018 12:48:07 pm

Submitted by:

shailendra tiwari

लम्बे समय से बजरी खनन पर रोक है, लेकिन यूआईटी के निर्माण कार्य बदस्तूर जारी हैं।

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हाइकोर्ट के आदेशों को नहीं मान रहे खुद सरकारी अधिकारी

कोटा . लम्बे समय से बजरी खनन पर रोक है, लेकिन UIT के निर्माण कार्य बदस्तूर जारी हैं। यकीन नहीं आए तो चले आइये कुन्हाड़ी मुक्तिधाम के पास बनाई जा रही चंबल सुरक्षा दीवार के निर्माण कार्य स्थलों पर। यहां ठेकेदार के मिक्सर प्लांट में भारी मात्रा में बजरी ढेर लगे हुए हैं।
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यही नहीं, काम में लिया जा रहा पत्थर भी अवैध खनन का है। खास बात यह कि High Court के आदेश पर बजरी मसले पर बनाई गई सतर्कता समिति में UIT के अफसर भी शामिल हैं, लेकिन समिति को ये सब नहीं दिख रहा।
6 करोड़ की लागत
UIT की ओर से छह करोड़ की लागत से कुन्हाड़ी मुक्तिधाम से बड़ी पुलिया तक चम्बल के किनारे सुरक्षा दीवार बनाई जा रही है। इसके लिए ठेकेदार ने नांता-डाबी रोड पर थर्मल के गेट नम्बर चार के सामने मिक्सर प्लांट डाल रखा है। यहां बजरी के भारी मात्रा में बजरी के ढेर लगे हैं। दिनभर बजरी, सीमेंट, गिट्टी को मिक्स कर निर्माण साइड पर पहुंचाया जा रहा।
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ऐसे जुटाया पत्थर
मिक्सर प्लांट के पास की जमीन पर दीवार निर्माण ठेकेदार ने पत्थरों का अवैध खनन कर जगह-जगह गड्ढे कर दिए हैं। जिधर देखो, पत्थरों के ढेर हैं। ठेकेदार इस पत्थर को ट्रॉली में भर कर चम्बल नदी के किनारे पर बनाई जा रही दीवार की चिनाई के लिए काम में ले रहा है।
अफसरों को नहीं दिख रहा बजरी के अवैध परिवहन, विक्रय पर अंकुश लगाने के लिए जिला कलक्टर ने सतर्कता कमेटी भी गठित की हुई है। इसमें पुलिस, प्रशासन, परिवहन, खनन के अलावा नगर निगम और UIT के अधिकारियों को भी शामिल कर रखा है। लेकिन, अफसरों को ये सब दिख नहीं रहा है।
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