
अस्पतालों के बाहर रोगियों की लंबी कतार
शहर में डेंगू का प्रकोप कम होने का नाम नहीं ले रहा। सोमवार को आई रिपोर्ट में 48 रोगियों को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। इनमें 35 रोगी कोटा , 10 बारां जिले और 3 रोगी बूंदी जिले के हैं। इधर, रविवार रात को निजी अस्पताल में उपचार के दौरान रावतभाटा निवासी डेंगू पीडि़ता स्मिता की मौत हो गई।
विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों पर रोगियों की लम्बी कतार
उधर, डेंगू जांच कराने के लिए नमूना देने वालों की लम्बी कतार लग रही है। डॉक्टरों के अनुसार मौसम के बदलाव के साथ ही बुखार, वायरल, एलर्जी और जुखाम-खांसी के रोगी बढ़े हैं। मेडिकल कॉलेज के नए अस्पताल, एमबीएस अस्पताल के अलावा विभिन्न स्वास्थ्य केन्द्रों पर रोगियों की लम्बी कतार लग रही है।
हजारों लोग आ रहे जांच कराने के लिए अस्पताल
एमबीएस अस्पताल में सोमवार को आउटडोर में 3 हजार रोगी आए। वहीं मेडिकल कॉलेज के नवीन चिकित्सालय में 3570 रोगी आउटडोर में दिखाने आए। सामान्यत: इन अस्पतालों में 2 हजार से ढाई हजार के बीच रोगी आते हैं। इसके अलावा जेके लोन में बच्चों को दिखाने के लिए कतार है। यहां हर रोज 200 से 250 बच्चे उपचार के लिए आ रहे हैं।
मौसमी बीमारियों के रोगियों की संख्या अधिक
उधर, भीमगंजमंडी सामुदायिक चिकित्सालय के सीनियर फिजिशियन डॉ. सुधीर उपाध्याय ने बताया कि रोज 700 से 800 रोगी आउटडोर में आ रहे हैं। इनमें मौसमी बीमारियों के रोगियों की संख्या अधिक है। इस समय खानपान में सावधानी रखने की जरूरत है।
साठ से ज्यादा मौतें
रोगों का प्रकोप शहर में इस तरह फैला है कि डॉक्टर भी नहीं बच पाए। डेंगू और स्वाइन फ्लू से अब तक 60 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं। बचाव की तैयारियां नहीं होने के कारण इसने बड़ा रूप ले लिया। निगम और स्वास्थ्य विभाग दोनों ही देरी से जागे। शहर के सभी विभाग और लोग मिलकर प्रयास करेंगे तो राेगों से लड़ने में सफलता मिलेगी।
Published on:
24 Oct 2017 12:19 pm
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