देश में पहली बार मैराथन विजेता का फैसला अब जूतों से होगा, कोटा में शुरू हो रही 21 किमी की हाफ मैराथन
शहरवासी पुलिस की रात्रि गश्त के भरोसे ही चैन की नींद सोते हैं, लेकिन पत्रिका ने गुरुवार मध्य रात्रि इस ‘भरोसे की जांच की तो यह टूटता नजर आया। पत्रिका टीम ने नयापुरा से लेकर घटोत्कच चौराहे तक पांच चौराहों व मुख्य मार्गों पर पुलिस की रात्रि गश्त की सच्चाई जानी। इस दौरान कहीं भी पुलिस की व्यवस्था चाक-चौबंद नजर नहीं आई। कई जगह तो पुलिसकर्मी नदारद मिले। तीन-चार किमी तक कहीं भी पुलिसवाले नहीं दिखे। पेश है इस पर एक रिपोट…
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गोबरिया बावड़ी:चौरोहे से रास्ते तक एक भी पुलिसकर्मी नहीं
जब पत्रिका टीम यहां पहुंची तो चौराहे पर एक भी पुलिसकर्मी नहीं दिखा। इसके बाद टीम घटोत्कच चौराहे की ओर रवाना हुई। पूरे मार्ग में कहीं भी कोई पुलिसकर्मी गश्त करता नजर नहीं आया। यह दूरी करीब तीन किमी है।
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घटोत्कच से खड़े गणेशजी: सूना चौराहा, 4 किमी की दूरी में दो पहरेदार
घटोत्कच चौराहे से खड़े गणेशजी मंदिर की दूरी करीब चार किमी है। यहां कानून व्यवस्था व आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए सिर्फ दो पुलिसकर्मी ही नजर आए, वो भी गणेशजी मंदिर के मुख्यदार के पास।
बड़े चौराहों पर पसरा सन्नाटा दोनों शहर के प्रमुख चौराहे। यहां से बारां, झालावाड़ व जयपुर जाने वाले वाहन गुजरते हैं, लेकिन दोनों ही चौराहों पर एक भी पुलिसकर्मी नहीं दिखा। ऐसे में पुलिस गश्त की हकीकत यहां उजागर हो गई, जिसके दावे पुलिस करती है।