scriptआईएलएंडएफएस केस में आया नया मोड़, स्वतंत्र निदेशक पर लगे लापरवाही के आरोप | ilfs case inspection will do in against independent dircetor | Patrika News

आईएलएंडएफएस केस में आया नया मोड़, स्वतंत्र निदेशक पर लगे लापरवाही के आरोप

locationनई दिल्लीPublished: May 16, 2019 10:02:15 am

Submitted by:

Shivani Sharma

पिछले लंबे समय से चर्चा में बने हुए आईएलएंडएफएस संकट में एक बार फिर से नया मोड़ आ गया
आईएलएंडएफएस की कंपनियों के स्वतंत्र निदेशक कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की जांच के घेरे में आ गए
अब इन सभी निदेशकों की जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा

ilfs

आईएलएंडएफएस केस में आया नया मोड़, स्वतंत्र निदेशक पर लगे लापरवाही के आरोप

नई दिल्ली। पिछले लंबे समय से चर्चा में बने हुए आईएलएंडएफएस संकट में एक बार फिर से नया मोड़ आ गया है। आईएलएंडएफएस ( Infrastructure Leasing & Financial Services Limited ) की कंपनियों के स्वतंत्र निदेशक कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की जांच के घेरे में आ गए हैं। अब इन सभी निदेशकों की जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कदम उठाया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई क्षेत्रों में कार्यरत इस समूह में वित्तीय समस्या पैदा होने के समय इन स्वतंत्र निदेशकों ने अपनी जिम्मेदारियों को ठीक तरीके से पूरा नहीं किया और उनके कामकाज में कमियां रही हैं।


ऑडिटर के द्वारा की जा रही जांच

आपको बता दें कि समूह की विभिन्न कंपनियों के स्वतंत्र निदेशक इस समय जांच के घेरे में फंसे हुए है। इनमें वे लोग भी शामिल हैं जो कुछ बड़ी कंपनियों में बोर्ड में हैं। इस मामले के बारे में ऑडिटर, क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों और इन कंपनियों के कुछ पूर्व अधिकारियों की भूमिका की मंत्रालय द्वारा जांच की जा रही है। इसके साथ इस जांच में जो भी दोषी मिलता है उसके खिलाफ जुर्माना भी लगाया जा सकता है। कंपनियों में कामकाज के संचालन को बेहतर करने में स्वतंत्र निदेशकों की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जाती है।


ये भी पढ़ें: अप्रैल में निर्यात 0.64 फीसदी बढ़ा, आयात में हुआ 4.48 फीसदी का इजाफा


अक्टूबर, 2018 को सामने आया था कंपनी का संकट

मंत्रालय ने अक्टूबर, 2018 में जानकारी देते हुए बताया था कि आईएलएंडएफएस ( IL&FS )के बोर्ड को भंग किया जा रहा है और गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय ( एसएफआईओ ) के मामले की जांच जा रही है। इससे पहले इसी महीने कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने कहा था कि आईएलएंडएफएस समूह के आडिटरों को काफी सवालों का जवाब देना होगा। प्रथम दृष्टया उन्हें ‘चौकीदार’ की भूमिका निभानी थी और व्यापक गड़बड़ियों को पकड़ना था। हालांकि, इसके साथ ही श्रीनिवास ने कहा कि अभी इस बारे में कोई नतीजा निकालना जल्दबाजी होगा।


कंपनी पर है 94 हजार करोड़ का कर्ज

आपको बत दें कि लंबे समय से वित्तीय बदहाली के दौर से गुजर रही आईएलएंडएफएस पर करीब 94,000 करोड़ रुपए का कर्ज है, जिसके कारण कंपनी पर संकट मंडरा रहा है और कंपनी के पास कर्ज चुकाने के लिए पैसा नहीं है। पिछले साल समूह में संकट सामने आया था। उस समय समूह की कई कंपनियों ने कर्ज भुगतान में चूक की थी।

 

क्या है आईएलएंडएफएस संकट

आईएलएंडएफएस समूह को इस समय भारी नकदी की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी 27 अगस्त के बाद से अपने कर्ज के ब्याज का भुगतान नहीं कर पा रही है। कंपनी पर करोड़ों रुपए का कर्ज है। कंपनी को साल 2008 में तत्काल 300 करोड़ रुपए की जरूरत थी और वह 450 करोड़ रुपए राइट इश्यू की मदद से जुटाने की योजना बना रही थी। उस समय कंपनी को समय पर मदद न मिल पाने से कंपनी पर कर्ज का बोझ बढ़ता ही गया। इसके साथ ही कंपनी सिडबी के 1000 करोड़ रुपए के शॉर्ट टर्म लोन का भुगतान करने में विफल रही थी वहीं इसकी सहायक कंपनी भी 500 करोड़ रुपए के कर्ज का भुगतान करने से चूक गई।

Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार,फाइनेंस,इंडस्‍ट्री,अर्थव्‍यवस्‍था,कॉर्पोरेट,म्‍युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो