
Kidney infection prevention in monsoon
Kidney Health Tips: मानसून का मौसम जहां ठंडक और राहत लेकर आता है, वहीं यह कई तरह की बीमारियों का खतरा भी बढ़ा देता है। खासकर इस समय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता थोड़ी कमजोर हो जाती है, जिससे संक्रमण जल्दी पकड़ लेता है। ऐसे में किडनी जैसी नाजुक और जरूरी अंग की देखभाल बेहद जरूरी हो जाती है। बारिश के दौरान गंदा पानी, नमी और खानपान की लापरवाही किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है। अगर समय रहते जरूरी सावधानियां अपनाई जाएं, तो किडनी को हेल्दी बनाए रखना मुश्किल नहीं। आइए जानते हैं कुछ आसान लेकिन असरदार हेल्थ टिप्स, जो इस मौसम में आपकी किडनी को फिट रखने में मदद कर सकते हैं।
बारिश का मौसम जहां एक ओर सुकून और ठंडक लाता है, वहीं दूसरी ओर यह सेहत के लिए कुछ जोखिम भी लेकर आता है, खासकर हमारी किडनी के लिए। इस मौसम में नमी और साफ-सफाई की कमी की वजह से बैक्टीरिया और वायरस तेजी से पनपते हैं, जिससे यूरिन इंफेक्शन यानी UTI (Urinary Tract Infection) का खतरा बढ़ जाता है।
बहुत से लोग इस मौसम में प्यास कम लगने पर पानी पीना भी कम कर देते हैं। लेकिन शरीर में पानी की कमी से किडनी को अपना काम करने में दिक्कत होती है। पर्याप्त पानी न मिलने पर किडनी विषैले तत्वों को ठीक से बाहर नहीं निकाल पाती, जिससे पथरी या संक्रमण जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
बारिश के मौसम में पानी का सेवन करना बहुत जरूरी है, लेकिन ध्यान रखें कि पानी साफ और शुद्ध हो। गंदा पानी पीने से किडनी को नुकसान हो सकता है।
फल और सब्जियों को अच्छे से धोकर खाना चाहिए। विटामिन सी से भरपूर चीजों का सेवन करने से इम्यूनिटी बढ़ती है और किडनी स्वस्थ रहती है।
बाहर के खाने से बचना चाहिए, खासकर जंक फूड और फास्ट फूड। इनमें बैक्टीरिया और वायरस हो सकते हैं जो किडनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। हाथों को बार-बार धोना और साफ-सुथरे बर्तनों का उपयोग करना चाहिए।
अगर आप बारिश में भीग गए हैं तो नहाने से इंफेक्शन होने का खतरा कम हो जाता है।
गर्म ड्रिंक जैसे कि सूप, गर्म दूध या अदरक की चाय पीने से किडनी स्वस्थ रहती है।
अपनी डाइट को हल्का और सुपाच्य रखें। अधिक खाने से बचना चाहिए और खाना बनाने और स्टोर करने में सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
11 Jun 2025 10:04 am
Published on:
11 Jun 2025 10:00 am
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