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जोशी दर्ज करा चुके हैं बयान-
पांच अगस्त को अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के निर्माण के भूमि पूजन की तैयारियों चल रही हैं। इस बीच लखनऊ में अयोध्या में विवादित ढांचा के विध्वंस मामले में सुनवाई भी तेजी में है। गुरुवार को सीबीआई की विशेष कोर्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी भी वर्चुअल तरीक से पेश हुए थे, जिसके बाद शुक्रवार को लालकृष्ण आडवाणी का बयान दर्ज किया गया। सुनवाई के दौरान मुरली मनोहर जोशी ने भी खुद पर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। कोर्ट से खुद को निर्दोष बताते हुए जोशी ने कहा कि घटना के वक्त वह मौके पर मौजूद नहीं थे। यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है और मुझे फर्जी तरीके से फंसाया गया है। उन्होंने गवाहों के बयान को भी झूठा बताया।
जोशी दर्ज करा चुके हैं बयान-
पांच अगस्त को अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के निर्माण के भूमि पूजन की तैयारियों चल रही हैं। इस बीच लखनऊ में अयोध्या में विवादित ढांचा के विध्वंस मामले में सुनवाई भी तेजी में है। गुरुवार को सीबीआई की विशेष कोर्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी भी वर्चुअल तरीक से पेश हुए थे, जिसके बाद शुक्रवार को लालकृष्ण आडवाणी का बयान दर्ज किया गया। सुनवाई के दौरान मुरली मनोहर जोशी ने भी खुद पर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। कोर्ट से खुद को निर्दोष बताते हुए जोशी ने कहा कि घटना के वक्त वह मौके पर मौजूद नहीं थे। यह पूरा मामला राजनीति से प्रेरित है और मुझे फर्जी तरीके से फंसाया गया है। उन्होंने गवाहों के बयान को भी झूठा बताया।
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बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में इस समय रोजाना आरोपियों के बयान दर्ज किये जा रहे हैं। उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुरूप 31 अगस्त तक मामले की सुनवायी पूरी कर लेनी है। गौरतलब है कि अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने मस्जिद ढहायी थी। उनका दावा था कि जिस जगह मस्जिद थी, वहां राम का प्राचीन मंदिर हुआ करता था। राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व आडवाणी और जोशी ने किया था।
बाबरी मस्जिद ढहाये जाने के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में इस समय रोजाना आरोपियों के बयान दर्ज किये जा रहे हैं। उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुरूप 31 अगस्त तक मामले की सुनवायी पूरी कर लेनी है। गौरतलब है कि अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने मस्जिद ढहायी थी। उनका दावा था कि जिस जगह मस्जिद थी, वहां राम का प्राचीन मंदिर हुआ करता था। राम मंदिर आंदोलन का नेतृत्व आडवाणी और जोशी ने किया था।