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Expressway Up: आगरा-लखनऊ से पूर्वांचल एक्सप्रेस वे तक बनेगा ₹4776 करोड़ का ग्रीनफील्ड लिंक

Agra Lucknow Expressway: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के हाईवे नेटवर्क को और सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। कैबिनेट ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाले 49.96 किमी लंबे ग्रीनफील्ड लिंक एक्सप्रेस वे के निर्माण को 4,775.84 करोड़ रुपये की लागत से मंजूरी दी है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Jul 03, 2025

योगी सरकार का बड़ा फैसला फोटो सोर्स : Social Media

योगी सरकार का बड़ा फैसला फोटो सोर्स : Social Media

Agra-Lucknow to Purvanchal Expressway : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में एक महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को जोड़ने वाले प्रवेश नियंत्रित ग्रीनफील्ड लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण को मंजूरी प्रदान की है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना की लागत 4775.84 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है, जिसे ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन) मोड पर क्रियान्वित किया जाएगा।

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परियोजना का रूट और विशेषताएं

यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के भलिया ग्राम (चैनेज 294+230) से प्रारंभ होकर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के पहांसा ग्राम (चैनेज 6+350) तक विकसित किया जाएगा। कुल 49.960 किलोमीटर लंबी यह सड़क आधुनिक मानकों के अनुसार छह लेन की चौड़ाई में निर्मित की जाएगी, जिसे भविष्य में आठ लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा। सभी संरचनाएं आठ लेन के अनुरूप ही बनाई जाएंगी।

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एक्सप्रेस-वे का निर्माण 120 किमी प्रति घंटे की डिजाइन स्पीड को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। परियोजना में उन्नत ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली (Advanced Traffic Management System) की स्थापना का भी प्रावधान किया गया है, जिससे यातायात संचालन सुगम और सुरक्षित बनाया जा सके।

परियोजना से संबंधित संरचनात्मक विवरण

इस परियोजना के तहत कुल 02 दीर्घ सेतु, 20 लघु सेतु, 60 बॉक्स कल्वर्ट, 21 एलवीयूपी (Low Volume Under Pass), 16 एसवीयूपी (Small Vehicular Under Pass), 08 वीयूपी (Vehicular Under Pass), 02 रेलवे ओवरब्रिज, 06 फ्लाईओवर और 05 इंटरचेंजेज का निर्माण प्रस्तावित है।

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पूरे एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर 07-07 मीटर चौड़ी सर्विस रोड का निर्माण भी किया जाएगा, जिससे आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी। ट्रैफिक साइन बोर्ड, रोड मार्किंग, क्रैश बैरियर, डेलीनेटर्स आदि आधुनिक ट्रैफिक सुरक्षा उपकरण भी तय मानकों के अनुसार लगाए जाएंगे।

पर्यावरण और सुरक्षा के उपाय

एक्सप्रेस-वे के दोनों ओर एवेन्यू वृक्षारोपण और मीडियन में हरियाली सुनिश्चित की जाएगी। इसके अतिरिक्त वर्षा जल संचयन (Rain Water Harvesting) की भी व्यवस्था की जाएगी। निर्माण के पश्चात परियोजना की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक्सप्रेस-वे पर 24x7 एम्बुलेंस और क्रेन जैसी आपातकालीन सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

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परियोजना का निर्माण इंडियन रोड कांग्रेस द्वारा जारी नवीनतम कोड और मानकों के अनुरूप किया जाएगा। इसके अलावा, निर्माण एजेंसी अगले पांच वर्षों तक अनुरक्षण (Maintenance) का कार्य भी करेगी, जिससे एक्सप्रेस-वे की गुणवत्ता और उपयोगिता बनी रहे।

एक्सप्रेस-वे नेटवर्क का विस्तार

उत्तर प्रदेश सरकार पहले ही आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे, और गंगा एक्सप्रेस-वे जैसी विशाल परियोजनाओं पर काम कर रही है। इनमें से कुछ पूरी हो चुकी हैं और कुछ निर्माणाधीन हैं।

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बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे उत्तर-दक्षिण दिशा में हैं, जबकि आगरा-लखनऊ, पूर्वांचल और गंगा एक्सप्रेस-वे पश्चिम से पूरब की दिशा में हैं। इस तरह राज्य सरकार उत्तर प्रदेश को एक्सप्रेस-वे की एक संगठित ग्रिड में ढाल रही है, जिससे प्रदेश के किसी भी कोने तक निर्बाध, त्वरित और सुरक्षित यात्रा संभव होगी।

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इस नई लिंक परियोजना के पूरा होने के बाद लखनऊ, आगरा, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गाजीपुर जैसे शहरों के बीच आवागमन सुगम, समयबद्ध और आर्थिक रूप से अधिक प्रभावशाली हो जाएगा। यह न केवल यातायात व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि राज्य में औद्योगिक विकास, व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा।

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भूमि अधिग्रहण

इस परियोजना के लिए 120 मीटर चौड़ाई का राइट ऑफ वे (Right of Way) प्रस्तावित है। इसके तहत जमीन का क्रय या अधिग्रहण किया जाएगा। सरकार का प्रयास है कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पारदर्शी, न्यायसंगत और समयबद्ध हो, ताकि प्रभावित किसानों और भूमि मालिकों को समय पर उचित मुआवजा मिल सके।