
GST Update फोटो सोर्स : Social Media
UP Tax Department Tax Compliance: उत्तर प्रदेश के राज्य कर विभाग ने प्रदेश में कर प्रणाली को और अधिक सुव्यवस्थित, सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। विभाग ने पूरे प्रदेश में कार्यरत खण्ड कार्यालयों (Sector Offices) का व्यापक पुनर्गठन करते हुए नई भौगोलिक सीमाएं निर्धारित की हैं, जो आगामी 01 जुलाई, 2025 से प्रभावी होंगी। यह पुनर्गठन न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया है, बल्कि इससे करदाताओं को क्षेत्रीय भ्रम से मुक्ति मिलेगी और वे स्पष्ट क्षेत्राधिकार के आधार पर अपने कर मामलों का सरलता से निपटारा कर सकेंगे।
राज्य कर विभाग के राज्यकर आयुक्त नितिन बंसल ने इस महत्वपूर्ण निर्णय की जानकारी साझा करते हुए बताया कि प्रदेश भर में नये खण्ड कार्यालय सृजित किए गए हैं, जिनकी भौगोलिक सीमाएं (Geographical Jurisdiction) पूर्व के खण्डों से अलग हैं।
नितिन बंसल ने बताया कि करदाता अपने से संबंधित नये क्षेत्राधिकार की जानकारी विभागीय वेबसाइट comtax.up.nic.in पर जाकर प्राप्त कर सकते हैं। वेबसाइट पर एक विशेष लिंक के माध्यम से उन्हें यह जानकारी मिलेगी कि अब उनके व्यवसाय, प्रतिष्ठान या संस्था का नया कर खण्ड कौन-सा होगा और कौन-सा अधिकारी अब उनके कर मामलों की निगरानी करेगा। यह प्रणाली करदाताओं को स्वतः जानकारी प्राप्त करने का अवसर देती है और विभागीय कार्यालयों की अनावश्यक चक्कर से भी उन्हें मुक्ति दिलाती है।
पुनर्गठन के चलते यह स्वाभाविक है कि करदाताओं को प्रारंभिक दौर में अपने नए खण्ड कार्यालय या अधिकारी को लेकर संशय या कठिनाई हो सकती है। इसको ध्यान में रखते हुए राज्य कर विभाग ने सभी जोनों और जनपदों में विशेष हेल्पडेस्क स्थापित करने के निर्देश जारी किए हैं। राज्यकर आयुक्त ने बताया कि सभी जोनल अपर आयुक्तों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में हेल्पडेस्क सक्रिय करें, जो करदाताओं को:
विगत वर्षों में जीएसटी प्रणाली के तहत ई-वे बिल, ई-इनवॉइस, वितरण प्रणाली, और रिटर्न फाइलिंग जैसे कई डिजिटल नवाचार आए हैं। इसके चलते आवश्यक हो गया था कि विभागीय संरचना भी समयानुकूल बदली जाए।
इस कदम की जानकारी मिलते ही कई व्यापारी संगठनों और चार्टर्ड अकाउंटेंट समुदाय ने इसका स्वागत किया है। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष ने बयान जारी कर कहा कि "राज्य कर विभाग का यह कदम स्वागत योग्य है। इससे व्यापारी वर्ग को कर प्रक्रिया में स्पष्टता और पारदर्शिता मिलेगी। साथ ही, भौगोलिक आधार पर संतुलित कार्य विभाजन से अनावश्यक देरी और भ्रम खत्म होंगे।"लखनऊ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन ने भी इस परिवर्तन को “टेक्नोलॉजी और शासन के बेहतर समन्वय की दिशा में बड़ा कदम” बताया है।
यह ध्यान देना जरूरी है कि राज्य कर विभाग ने पुनर्गठन की जानकारी को पूर्णतः डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराकर आधुनिक शासन की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाई है। करदाता अपनी GSTIN या TIN नंबर के माध्यम से विभागीय पोर्टल पर जाकर यह पता कर सकते हैं कि उनका नया खण्ड कौन-सा होगा।
राज्य कर विभाग द्वारा खण्ड कार्यालयों का यह पुनर्गठन केवल प्रशासनिक सुधार नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार की “ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस” की प्रतिबद्धता का एक और प्रमाण है। कर प्रणाली जितनी स्पष्ट और सरल होगी, व्यापारिक वातावरण उतना ही विश्वसनीय और पारदर्शी बनेगा। यह कदम न केवल प्रदेश के व्यापारिक विकास में सहायक होगा, बल्कि राज्य की राजस्व वृद्धि को भी नई गति देगा। अब देखना यह है कि विभाग इस परिवर्तन को जमीनी स्तर पर कितनी कुशलता से लागू करता है और हेल्पडेस्क प्रणाली को कितनी प्रभावी तरह से संचालित किया जाता है। यदि सब कुछ योजनानुसार हुआ, तो यह पुनर्गठन मॉडल पूरे देश के लिए उदाहरण बन सकता है।
Updated on:
01 Jul 2025 08:05 am
Published on:
01 Jul 2025 08:04 am
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