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Tree plantation people campaign2024: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विरासत वृक्ष अंगीकरण योजना के तहत प्रदेश के 948 प्राचीन वृक्षों का संरक्षण और संवर्धन का संकल्प लिया है। 100 वर्ष से अधिक आयु के 28 प्रजातियों के वृक्षों को विरासत वृक्ष घोषित किया गया है। इन वृक्षों में काशी में सर्वाधिक 99, प्रयागराज में 53, हरदोई में 37, गाजीपुर में 35, और उन्नाव में 34 विरासत वृक्ष शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड ने गैर वन क्षेत्र (सामुदायिक भूमि) पर अवस्थित सौ वर्ष से अधिक आयु के 28 प्रजातियों को विरासत वृक्ष घोषित किया है। इनमें प्रमुख रूप से अरु, अर्जुन, आम, इमली, कैम, करील, कुसुम, खिरनी, शमी, गम्हार, गूलर, छितवन, चिलबिल, जामुन, नीम, एडनसोनिया, पाकड़, पीपल, पीलू, बरगद, महुआ, महोगनी, मैसूर बरगद, शीशम, साल, सेमल, हल्दी और तुमाल शामिल हैं। इनमें पीपल प्रजाति के 422 और बरगद प्रजाति के 363 वृक्ष हैं।
विरासत वृक्षों में आध्यात्मिक और स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े वृक्ष भी शामिल किए गए हैं। गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर परिसर में हनुमान मंदिर, काली मंदिर के समीप और गौशाला के अंदर बरगद और पाकड़ वृक्ष सहित पूरे जनपद में 19 वृक्ष विरासत वृक्ष घोषित किए गए हैं। लखनऊ और वाराणसी के क्रमशः दशहरी आम और लंगड़ा आम के मातृ वृक्ष, फतेहपुर का बाचन इमली, मथुरा के इमलीतला मंदिर परिसर का इमली वृक्ष, प्रतापगढ़ का करील वृक्ष, बाराबंकी में स्थित एडनसोनिया वृक्ष, हापुड़ और संत कबीर नगर में अवस्थित पाकड़ वृक्ष, सारनाथ का बोधि वृक्ष, बाबा झारखंड के नाम से प्रसिद्ध अम्बेडकर नगर का पीपल वृक्ष और आर्डिनेंस क्लॉथ फैक्ट्री शाहजहांपुर में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ा पीपल वृक्ष शामिल हैं।
वृक्षारोपण जन अभियान-2024 के तहत प्रदेशवासियों को चिह्नित विरासत वृक्षों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से 11 जनपदों में विरासत वृक्ष वाटिका तैयार की जाएगी। ये वाटिका गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, बरेली, मथुरा, सीतापुर, चित्रकूट और मीरजापुर में तैयार होगी। प्रत्येक वाटिका में विरासत वृक्ष से तैयार पौधा/टहनी/डाल को अनिवार्य रूप से लगाया जाएगा।
योगी सरकार ने विशिष्ट विरासत वृक्षों की भी पहचान की है। इनमें चीनी यात्री हवेनसांग द्वारा उल्लिखित झूंसी (प्रयागराज) का एडनसोनिया वृक्ष, मथुरा के टेर कदंब मंदिर परिसर और निधि वन में अवस्थित पीलू वृक्ष, प्रयागराज के किले में अक्षयवट, उन्नाव जनपद में वाल्मीकि आश्रम, लव कुश जन्म स्थली और जानकी कुण्ड नाम से प्रसिद्ध स्थल पर अवस्थित बरगद वृक्ष, और प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े हुए एन.बी.आर.आई लखनऊ और महामाया देवी मंदिर परिसर गाजियाबाद में अवस्थित बरगद वृक्ष शामिल हैं।
उत्तर प्रदेश के सभी 75 जनपदों में कुल 948 विरासत वृक्ष हैं। इनमें सर्वाधिक विरासत वृक्ष वाराणसी में हैं। यहां कुल 99 विरासत वृक्ष हैं। वहीं प्रयागराज में कुल 53, हरदोई में 37, गाजीपुर में 35, उन्नाव में 34, रायबरेली में 32 और झांसी में 30 विरासत वृक्ष हैं। फिरोजाबाद में 29, लखीमपुर खीरी में 27, बरेली और बहराइच में 26-26, लखनऊ में 25 और जौनपुर में 24 विरासत वृक्ष हैं। इनमें पीपल प्रजाति के 422, बरगद के 363 और पाकड़ के 57 विरासत वृक्ष शामिल हैं।
योगी सरकार की विरासत वृक्ष अंगीकरण योजना पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल न केवल प्रदेश की जैव विविधता को संरक्षित करेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरणीय और सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण भी सुनिश्चित करेगी।
Published on:
08 Jul 2024 04:05 pm
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