चौथी तिमाही में हुआ फायदा
वित्त वर्ष 2018- 19 की चौथी तिमाही में बैंक की कुल आय एक साल पहले की इसी अवधि के 9,596.86 करोड़ रुपए से बढ़कर 12,417.08 करोड़ रुपए पर पहुंच गई। बैंक को हालांकि, समूचे वित्त वर्ष 2018- 19 में 5,546.90 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ है। रिजर्व बैंक के त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के दायरे से बाहर निकलने के बाद बैंक का यह पहला तिमाही परिणाम है।
बैंक की गुणवत्ता में आया सुधार
इस दौरान बैंक की संपत्ति गुणवत्ता में कुछ सुधार आया है। मार्च 2019 की समाप्ति पर बैंक की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) घटकर 15.84 फीसदी रह गईं। जबकि 31 मार्च 2018 को यह 16.58 फीसदी थीं। इसी प्रकार बैंक का शुद्ध एनपीए एक साल पहले के 8.26 फीसदी से घटकर 5.61 फीसदी रह गया।
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फंसे कर्ज में भी आई कमी
बैंक के फंसे कर्ज अनुपात में कमी आने से उसके एवज में किया जाना वाला प्रावधान भी कम हुआ है। एक साल पहले फंसे कर्ज के एवज में जहां बैंक ने 6,699.23 करोड़ रुपए का प्रावधान किया था वहीं इस साल यह घटकर 1,502.90 करोड़ रुपए रह गया है। पूरे वित्त वर्ष 2018- 19 की यदि बात की जाये तो बैंक को 5,546.90 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है।
2017-18 में हुआ घाटा
इससे पिछले वर्ष 2017-18 में बैंक का शुद्ध घाटा 6,043.71 करोड़ रुपए था। आलोच्य अवधि में बैंक की कुल आय 45,899.82 करोड़ रुपए रही जो कि इससे पिछले वर्ष में 43,805.17 करोड़ रुपए थी। बीते वित्त वर्ष में सरकार ने बैंक ने दो किस्तों में 14,724 करोड़ रुपए की पूंजी डाली है। पहली बार दिसंबर 2018 में 10,086 करोड़ रुपए और दूसरी बार इस साल फरवरी में 4,638 करोड़ रुपए की पूंजी डाली गई।