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चिंता: एनसीआर से सटे जिलों में जमीन के नीचे तेजी से गिर रहा जल स्तर

सहारनपुर मंडल और बागपत जिले में लगातार दोहन से हालात खराब, मुजफ्फरनगर में सबसे तेजी से बिगड़ रहे हालात। मेरठ में खरखौदा, बागपत में बिनौली और सहारनपुर के नांगल समेत मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में स्थिति भयावह।

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मेरठ

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shivmani tyagi

Jul 29, 2021

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underground water leval

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

मेरठ पश्चिमी यूपी में गिरते जलस्तर ( Underground water ) की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है। एनसीआर से सटे इलाकों में हालात बेहद खराब दिखाई दे रहे हैं। मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में तो जलस्तर 30 मीटर तक नीचे पहुंच गया है। ऐसे ही हालात सहारनपुर, मेरठ और बागपत के कुछ ब्लाक क्षेत्रों में दिखाई दे रहे है। जल संरक्षण के मिशन में लगे मेरठ के पीयूष गोयल का कहना है कि जिस तरह के आकड़ें साामने आ रहे हैं अगर समय रहते उपाय नहीं किए गए तो हालात नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं।

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सहारनपुर, मुजफ्फरनगर बागपत और मेरठ में पेयजल और सिंचाई के साधनों से भू-जलस्तर ( Underground water level ) की स्थिति भयावह होती जा रही है। नमामि गंगे वेबसाइट से मिले आंकड़ों के मुताबिक, पांचों जिलों में वर्ष 2019 के पोस्ट मानूसन के आंकड़े डराने वाले हैं। सर्वाधिक खराब स्थिति मेरठ, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर की है। सहारनपुर के गंगोह में जहां 17 मीटर तक भूजल स्तर गिर चुका है वहीं मेरठ के खरखौदा में 16.50 मीटर तक जल स्तर गिरा है। बागपत के बिनौली में 28 मीटर जल स्तर जा चुका है। शामली जिले में 26 मीटर और मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना में 31 मीटर तक जल स्तर गिरा है।

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यह आंकड़े हमे बताते हैं कि अगर इसी तरह से जल का दोहन होता रहा तो आने वाले समय में भू-जलस्तर ( underground water leval ) को लेकर हालात बेहद खराब हाे सकते हैं। गिरते जल स्तर के आंकड़ों से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि हालात किस कदर खराब हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के पांच जिलों मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, शामली और सहारनपुर में भूगर्भ जलस्तर के हालात बेकाबू हैं। इन पांच जिलों के जिलाधिकारियों सहित अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं को आगे लाकर जलस्तर बढ़ाने की कवायद पर काम किया जा रहा है। इसी के मद्देनजर मानसून में इन जिलों को अलर्ट कर दिया गया है ताकि जल संरक्षण के लिए जल्द से जल्द तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा सके।

भूगर्भ जलस्तर के ब्लाकवार आंकड़े
मेरठ खरखौदा में भू-जलस्तर 16.58 मीटर, रजपुरा में भू-जलस्तर 15.85 मीटर, माछरा में भू-जलस्तर 14.68 मीटर, मेरठ में भू-जलस्तर 13.95 मीटर, रोहटा में भू-जलस्तर 11.57 मीटर, सरुरपुर में भू-जलस्तर 12.08 मीटर, परीक्षितगढ़ में भू-जलस्तर 11.81 मीटर, सरधना में भू-जलस्तर 8.67 मीटर, मवाना कलां में भू-जलस्तर 10.37 मीटर, जानी में भू-जलस्तर 10.30 मीटर, दौराला में भू-जलस्तर 9.68 मीटर और हस्तिनापुर में भू-जलस्तर 11.41 मीटर

बागपत बागपत में भू-जलस्तर 16.46 मीटर, बड़ौत में भू-जलस्तर 20.14 मीटर, बिनौली में भू-जलस्तर 28.26 मीटर, छपरौली में भू-जलस्तर 14.94 मीटर, खेकड़ा में भू-जलस्तर 21.80 मीटर, पिलाना में भू-जलस्तर 20.94 मीटर

मुजफ्फरनगर बघरा में भू-जलस्तर 14.60 मीटर, बुढ़ाना में भू-जलस्तर 30.94 मीटर, चरथावल में भू-जलस्तर 5.37 मीटर, जानसठ में भू-जलस्तर 8.09 मीटर, खतौली में भू-जलस्तर 6.99 मीटर, मोरना में भू-जलस्तर 11.30 मीटर, मुजफ्फरनगर में भू-जलस्तर 11.79 मीटर, पुरकाजी में भू-जलस्तर 7.08 मीटर और शाहपुर में भू-जलस्तर 19.56

शामली कैराना में भू-जलस्तर 24.86 मीटर, कांधला में भू-जलस्तर 25.00 मीटर, शामली में भू-जलस्तर 26.33 मीटर और थानाभवन में भू-जलस्तर 12.10 मीटर

सहारनपुर बलियाखेड़ी में भू-जलस्तर 10.33 मीटर, देवबंद में भू-जलस्तर 7.24 मीटर, गंगोह में भू-जलस्तर 16.49 मीटर, मुजफ्फराबाद में भू-जलस्तर 8.22 मीटर, नांगल में भू-जलस्तर 12.04 मीटर, नकुड़ में भू-जलस्तर 13.25 मीटर, नानौता में भू-जलस्तर 5.88 मीटर, रामपुर में भू-जलस्तर 6.97 मीटर, सढ़ौली कदीम में भू-जलस्तर 6.32 मीटर और सरसावा में भू-जलस्तर 6.88 मीटर तक नीचे पहुंच गया है।

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