खुद जमीन देने पर बढ़ जाएगा मुआवजा
बुलेट ट्रेन परियोजना को अंजाम दे रहे राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अचल खरे ने कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जिन लोगों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, उनको कानून के अनुसार जमीन के बाजार मूल्य का चार गुना मुआवजा तो दिया ही जाएगा बल्कि जो स्वेच्छा से निगम को लिख कर जमीन देने की खुद पेशकश करेंगे, उन्हें 25 प्रतिशत तक अतिरिक्त राशि भी मुआवजे के रूप में दी जाएगी।
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मकान वालों को भी होगा फायदा
अचल खरे ने बताया कि जिनके मकान जाएंगे, उनको मकान के मूल्य की दोगुनी राशि, 50 हजार रुपए परिवहन और 50 हजार रुपए पुनर्वास राशि तथा एक साल का मकान किराया दिया जाएगा। खरे ने कहा कि जिन लोगों के नाम जमीन नहीं है और अगर वे खेती करते हैं तो भी उन्हें मुआवजा मिलेगा। उन्होंने कहा कि हम सभी की जरूरतों और सुविधा का ख्याल रखेंगे।
रोजगार के खुलेंगे अवसर
स्थानीय लोगों के विरोध और उनके रोजगार के बारे पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि विरोध के कारण लोगों में जानकारी का अभाव और स्वार्थ हो सकते हैं। उसके लिए लोगों को बुलाकर उन्हें सही बात विस्तार से बतायी जाएगी। पर जहां तक रोजगार की बात है तो कंपनी कौशल विकास मिशन के तहत लोगों को प्रशिक्षण दिलाएगी ताकि उन्हें काम मिल सके।
पर्यावरण का भी होगा पूरा ख्याल
महाराष्ट्र के पालघर जिले के सुदूर आदिवासी बहुल गांव विराथन खुर्द में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का उद्घाटन के बाद उन्होंने कहा कि बुलेट परियोजना में पर्यावरण का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा। नई अत्याधुनिक तकनीक से पेड़ों को जड़ समेत निकाल कर दूसरी जगह लगाया जाएगा।