जुलाई से होगी नई व्यवस्था लागू दूसरे साल 50 फीसदी और तीसरी और चौथे साल पूरा ब्याज देना होगा। प्रति बस दो लाख तक लोन लिया जा सकेगा। अब विस्तृत प्रस्ताव को कैबिनेट या फिर सरकार के पास लाया जाना है। एक जुलाई से इस व्यवस्था को लागू किया जा सकता है।
मेंटेनेस व अन्य खर्चों के लिए देगी लोन सूबे में निजी बस ऑपरेटर किराया बढ़ाने की मांग कर रहे थे। इनका तर्क है कि बसों में 60 फीसदी सवारियां बैठाने से न तो गाड़ी की मरम्मत का खर्च निकलेगा और न चालक-परिचालकों की तनख्वाह दे सकेंगे। ऐसे में सरकार ने बसों की मेंटेनेंस और अन्य खर्चों के लिए लोन देने का फैसला किया है।
टैक्स पर लगाई जाने वाली पेनल्टी भी माफ कैबिनेट ने वाहन मालिकों को ग्रीन सेस और फिटनेस फीस सितंबर तक माफ करने का फैसला लिया है। वाहन मालिकों से यह फीस 800 से 1000 रुपये तक ली जाती है। वाहनों की पासिंग को अब पेंट कराने की जरूरत नहीं होगी। सिर्फ मेकेनिक पार्ट्स ठीक होने चाहिए। सरकार ने छोटे-बड़े वाहनों पर टैक्स पर लगाई जाने वाली पेनल्टी भी माफ कर दी है।
नहीं बढ़ेगा किराया इसके साथ ही फिलहाल बसों का किराया नहीं बढ़ाया जाएगा। सरकार ने निजी बस संचालकों की मांग पर किराया बढ़ाने से इंकार कर दिया है। निजी बस संचालक मिनिमम किराया दस रुपये करने की मांग कर रहे थे।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) के संक्रमण और लॉक डाउन (Lockdown) के चलते पूरे देश की तर्ज पर हिमाचल में भी राज्य परिवहन सेवा लगभग दो महीने से बंद थे। हिमाचल प्रदेश परिवहन निगम ने एक जून से अपनी बस सेवाएं शुरू कर दी थी।