UAE पहुंचा रफाल IAF के अधिकारी ने कहा कि भारत के राजदूत जावेद अशरफ ( Jawed Ashraf ) ने बोर्डो (फ्रांस) के मेरिग्नैक एयरबेस ( Merignac Air Base ) से पांच रफाल विमान ( Rafale Plane ) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, सात घंटे से अधिक उड़ान भरने के बाद वे सोमवार शाम को संयुक्त अरब अमीरात ( UAE ) के अल धफरा एयरबेस ( Al Dhafra airbase ) पर उतरे। बताया जा रहा है कि रफाल के आने से भारतीय वायुसेना ( Indian Airforce ) की ताकत में और इजाफा होगा। यहां आपको बता दें कि जिन दो देशों पाकिस्तान ( Pakistan ) और चीन ( China ) से भारत की हमेशा तनातनी रहती है, उसके पास यह विमान नहीं है। लिहाजा, भारतीय दुश्मन को यह लड़ाकू विमान करारा जवाब देगा। बताया जा रहा है कि UAE से यह विमान सीधा अंबाल एयरबेस के लिए उड़ान भरेगा। भारतीय वायुसेना द्वारा ‘गेम-चेंजर्स’ करार दिए गए ये लड़ाकू विमान निश्चित रूप से चीन के साथ चल रहे सैन्य टकराव के बीच कारगर साबित होगा। लेकिन शीर्ष IAF अधिकारियों का कहना है कि सैनिकों को पूरी तरह समझने और युद्ध-लड़ने वाली मशीनरी में ठीक से संतुलन बनाने में समय लगता है।
वायुसेना की ताकत में होगा जबरदस्त इजाफा
ऐसा माना जा रहा है कि लद्दाख ( Ladakh ) में भारत-चीन ( India China Face Off ) के बीच जो तनाव चल रहा है, उसमें रफाल ( Rafale ) को भी तैनात किया जा सकता है। लेकिन, IAF ने पहले ही किसी भी आकस्मिकता का ध्यान रखते हुए चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) के साथ-साथ आगे के क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में सुखोई -30 एमकेआई, मिग -29 और मिराज -2000 तैनात किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के साथ सीमा की स्थिति के कारण रफाल को जल्द से जल्द चालू करने का प्रयास किया जाएगा। बतााय जा रहा है कि इसके लिए कम से कम दो महीने का समय जरूर लगेगा। बताया जा रहा है कि रफाल विमान पाकिस्तानी F-16 और JF-17 के साथ-साथ चीनी चेंगदू J-20 से सीधा मुकाबला कर सकता है और उसे पछाड़ सकता है। भारत ने फ्रांस से अब तक 10 रफाल विमान खरीदे हैं। अन्य पांच अगले नौ महीने तक पहुंचेंगे। वहीं, सभी 36 रफाल, जो परमाणु हथियार भी वितरित कर सकते हैं 2021 के अंत तक भारत को सौंपे जाएंगे। यहां आपको बता दें कि 17 गोल्डेन एरोज कमांडिंग ऑफिसर के पायलट रफाल विमान को लेकर भारत आ रहे हैं। सभी पायलट को ‘दसॉल्ट एविएशन’ कंपनी द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। ये विमान जमीन पर 60 से 70 किलोमाटर तक दुश्मन के किसी भी साजिश को हवा में उड़ा सकते हैं। इतना ही नहीं इस विमान में हैमर मिसाइल लगाने की भी तैयारी की जा रही है।
ऐसा माना जा रहा है कि लद्दाख ( Ladakh ) में भारत-चीन ( India China Face Off ) के बीच जो तनाव चल रहा है, उसमें रफाल ( Rafale ) को भी तैनात किया जा सकता है। लेकिन, IAF ने पहले ही किसी भी आकस्मिकता का ध्यान रखते हुए चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा ( LAC ) के साथ-साथ आगे के क्षेत्रों में पर्याप्त संख्या में सुखोई -30 एमकेआई, मिग -29 और मिराज -2000 तैनात किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के साथ सीमा की स्थिति के कारण रफाल को जल्द से जल्द चालू करने का प्रयास किया जाएगा। बतााय जा रहा है कि इसके लिए कम से कम दो महीने का समय जरूर लगेगा। बताया जा रहा है कि रफाल विमान पाकिस्तानी F-16 और JF-17 के साथ-साथ चीनी चेंगदू J-20 से सीधा मुकाबला कर सकता है और उसे पछाड़ सकता है। भारत ने फ्रांस से अब तक 10 रफाल विमान खरीदे हैं। अन्य पांच अगले नौ महीने तक पहुंचेंगे। वहीं, सभी 36 रफाल, जो परमाणु हथियार भी वितरित कर सकते हैं 2021 के अंत तक भारत को सौंपे जाएंगे। यहां आपको बता दें कि 17 गोल्डेन एरोज कमांडिंग ऑफिसर के पायलट रफाल विमान को लेकर भारत आ रहे हैं। सभी पायलट को ‘दसॉल्ट एविएशन’ कंपनी द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। ये विमान जमीन पर 60 से 70 किलोमाटर तक दुश्मन के किसी भी साजिश को हवा में उड़ा सकते हैं। इतना ही नहीं इस विमान में हैमर मिसाइल लगाने की भी तैयारी की जा रही है।