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ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने Hydroxychloroquine का परीक्षण रोका, कहा- कोरोना मरीजों को कोई फायदा नहीं

locationनई दिल्लीPublished: Jun 06, 2020 07:10:54 pm

Submitted by:

Anil Kumar

HIGHLIGHTS

हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन ( Hydroxychloroquine ) पर चल रही जांच को ब्रिटिश वैज्ञानिकों ( British scientists ) ने रोक दिया है।
ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोरोना मरीजों के लिए हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन फायदेमंद नहीं है।
ब्रिटेन में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन ( HCQ ) के सबसे बड़े रैंडमाइज्ड क्लिनिकल ट्रायल्स ( RCT ) से यह निष्कर्ष निकला है।

britain corona

British scientists stop trial of Hydroxychloroquine, saying corona patients have no benefit

लंदन। कोरोना वायरस महामारी ( coronavirus Epidemic ) से लड़ने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक वैक्सीन ( Coronavirus vaccine ) या अन्य दवा बनाने पर लगातार शोध कर रहे हैं। इस बीच अब तक कई तरह के वैक्सीन या दवा का ट्रायल ( Vaccine Trail ) किया जा रहा है। हालांकि अभी तक किसी भी वैक्सीन या दवा के आधिकारिक सफल परिणाम सामने नहीं आए हैं।

इसी कड़ी में अभी तक कोरोना मरीजों के लिए एक संजीवनी के तौर पर काम करने वाली दवा हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन ( Hydroxychloroquine ) पर चल रही जांच को ब्रिटिश वैज्ञानिकों ( British scientists ) ने रोक दिया है। ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोरोना मरीजों के लिए हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन फायदेमंद नहीं है।

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ब्रिटेन में ट्रायल किए जाने के बाद वैज्ञानिकों ने दावा किया कि इस दवा से कोरोना संक्रमित मरीजों को कोई फायदा नहीं होता है। बता दें कि ब्रिटेन में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन ( HCQ ) के सबसे बड़े रैंडमाइज्ड क्लिनिकल ट्रायल्स ( RCT ) से यह निष्कर्ष निकला है।

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कोरोना मरीजों पर HCQ का कोई लाभ नहीं

आपको बता दें कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन पर शोध कर रहे मुख्य जांचकर्ता और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में उभरते संक्रामक रोगों के प्रोफेसर पीटर हॉर्बी ने बताया कि 4500 से अधिक कोरोना मरीजों को दो समूह में बांटा गया था। इनमें से 1542 को HCQ दिया गया। हमने पाया किया जिन मरीजों को HCQ दिया गया उनमें कोई लाभकारी प्रभाव नहीं पड़ा।

प्रोफेसर पीटर हॉर्बी ने आगे यह भी बताया कि इसके तुरंत बाद रिकवरी कर रहे मरीजों को HCQ के इस्तेमाल को रोकने का फैसला किया गया। शोधकर्ताओं ने कहा है कि हम प्रारंभिक परिणामों को जारी कर रहे हैं, क्योंकि ‘रोगियों की देखभाल और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है’। बता दें कि ‘RECOVERY ट्रायल’ नामक परीक्षण को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और यूके के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ रिसर्च द्वारा भी समर्थन दिया गया है।

इससे पहले भी कई शोध में किया गया है ऐसा दावा

आपको बता दें कि इससे पहले भी कई शोध में इस तरह के दावे किए गए हैं। मिनेसोटा विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने दावा किया था कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा से कोरोना मरीजों को कोई फायदा नहीं होता है। इस शोध को न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन ( NEJM ) में प्रकाशित किया गया था।

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मालूम हो कि इस दवा को लेकर पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ( World Health Organization ) ने भी ट्रायल पर रोक लगा दी थी, लेकिन बीते दिनों अपने फैसले को वापस ले लिया और फिर से ट्रायल की मंजूरी दे दी। अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( US President Donald Trump ) भी इस दवा के सेवन करने की बात कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि वे कोरोना से बचने के लिए इसका सेवन करते हैं।

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