
अरे ये क्या : म्हाडा के 1,494 विजेताओं को वर्षो बाद भी ओसी का इंतजार ?
- रोहित के. तिवारी
मुंबई. म्हाडा के मुंबई स्थित घरों ने 2016 से 2018 के तीन वर्षों बाद भी लॉटरी में निकले 1 हजार 494 लोगों को आज भी अपने घरों का इंतजार है। इस लिहाज से करीब 5 हजार 976 लोगों का अपने घर का सपना अधर में ही लटकाहुआ है। वर्षों बाद भी ड्रा के विजेताओं को अभी तक ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (ओसी) नहीं मिला है, जिसके चलते विजेताओं को अभी तक घर पर कब्जा नहीं मिला है। म्हाडा ने पिछले तीन वर्षों में मुंबई समेत विभिन्न विभागों के लिए घरों की घोषणा की थी। इस अवधि के दौरान घोषित किए गए कई ड्रॉ के विजेताओं की पात्रताका निर्धारण करने पर ही ओसी की जांच होती है। जब तक ओसी नहीं होता, तब तक किसी भी घर पर कब्जा नहीं किया जाता। मुंबई में 1 हजार 494 घरों की ओसी की वजह से विजेताओं को दर-दर भटकना पड़ रहा है। पिछले कई सालों से ये सभी विजेता अपना घर पाने के लिए ओसी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इनमें पतरावाला चॉल में 340 घर, महावीर नगर में 170, मानखुर्द में 262, गोरेगांव, चारकोप, एंटॉप हिल, सिद्धार्थ नगर और प्रतीक्षानगर के घर शामिल हैं।
नियोजन प्राधिकार से लोगों को उम्मीद...
विदित हो कि अभी तक नगर निगम के पास म्हाडा कॉलोनियों के लिए योजना प्राधिकरण का अधिकार भी था, जिसके चलते ओसी मिलने में देरी हुई, ऐसा बताया जा रहा है। लेकिन पिछले साल राज्य सरकार ने म्हाडा की 56 कॉलोनियों के लिए योजना प्राधिकरण की शक्तियों को नगरपालिका से म्हाडा को हस्तांतरित कर दिया। अब बस अग्नि सुरक्षा के लिए फायर ब्रिगेड, जबकि मल निस्तारण को लेकर मुंबई नगर निगम से अनुमति की आवश्यकता है। इसलिए अब म्हाडा की ओर से उन घरों का ओसी तय करने की प्रक्रिया चल रही है। इनमें से कुर्ला में लगभग 250 और गोरेगांव में लगभग 100 घर जल्द ही लोगों को दिए जाने की उम्मीद है। वहीं बाकी घरों पर ओसी के परिणाम भी जल्द ही तय किए जाएंगे।
विजेताओं को भेजे गए प्रस्ताव...
2016 से 2019 तक लॉटरी के विजेताओं के घरों में से अधिकांश फ्लैट उच्च (एलआईजी) और मध्य (एमआईजी) समूहों के हैं। मुलुंड और गोरेगांव में कुछ विजेताओं को प्रस्ताव पत्र दिया गया है, जिन्हें ओसी प्रमाणपत्र दिया जाना है। इनमें गोवनपाड़ा मुलुंड में 269 और सिद्धार्थनगर गोरेगांव में 28 घर शामिल हैं। वहीं अब जल्द ही बाकी विजेताओं को भी उनके घरों की ओसी सौंपी जाएगी। इसके लिए म्हाडा एक योजना के तहत काम कर रही है।
- भगवान सावंत, उप मुख्य अधिकारी, पणन विभाग, म्हाडा
Published on:
16 Sept 2019 10:51 am
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