विदित हो कि यह 40×160 फिट चौड़ी लंबी सड़क लगभग 80 के दशक तक अपने स्थान पर सकुशल रही, जो कि म्हाडा के प्लानिंग नक्शे में साफ देखा जा सकता है। लेकिन अब लगभग 40 वर्ष बाद वहां न तो सड़क ही नजर आ रही है और न ही फुटपाथ। आज बस निर्माण की गई 4 मंजिला अवैध इमारत ही दिखती है, जिसमें हजारों बच्चों की जान अधर में लटकी है। इससे जहां एक तरफ म्हाडा को करोड़ों का नुकसान हो रहा है तो वहीं दूसरी ओर हजारों छात्रों की जिंदगी दांव पर लगी है। लेकिन शिकायत के बावजूद संबंधित अधिकारी के कान में जूं तक नही रेंग रही है।
म्हाडा के साथ एक शिकायत पत्र के व्यवहार में म्हाडा अधिकारियों ने कहा कि हमने सड़क निर्माण कर मनपा के हाथ सौंप दिया, उसके बाद यह कब्जे का खेल हुआ। तो वहीं मनपा आयुक्त सन्तोष धोंडे ने यह हमारे कार्यकाल के दौरान नहीं हुआ, कहकर पल्ला झाड़ लिया। ऐसे में सवाल यह उठता है कि यदि भविष्य में गुजरात के सूरत जैसी कोई घटना घटित होती है तो आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा?
दरअसल, 1971 के दौरान विक्रोली पूर्व स्थित म्हाडा की जमीन पर 225 से 250 स्क्वायर फुट जमीन पर ट्रांजिट को बसाया गया था, जिसके बाद विक्रोली के टैगोर नगर में ग्रुप नंबर 8 म्हाडा की बैठी चाली नंबर 195 ,रूम नंबर 2913 और 2914 बैठी चॉल बालासाहेब महादेव महात्रे ने म्हाडा के मूल भाड़ेकरू से रहिवासी प्रयोजन के अंतर्गत खरीद लिया था और धीरे-धीरे बगल की सड़क पर कब्जा कर लिया। उसी पर बाद में फर्जी तरीके से शिक्षण संस्थान के नाम रजिस्ट्रेशन कर संदेश कॉलेज ऑफ आर्ट कॉमर्स एवं साइंस कॉलेज का धड़ल्ले से निर्माण किया गया। इसके अलावा म्हाडा को करोड़ों का चूना लगाने के साथ ही लोगों के जीवन से खिलवाड़ भी करने लगे।
उल्लेखनीय है कि बालासाहेब म्हात्रे ने म्हाडा की बची जमीन पर कब्जा कर बिना किसी प्लान के चार मंजिला कमर्शियल कम्प्लेक्स बना कर मोटा मुनाफा कमाया है। एमसीजीएम के बिल्डिंग प्रपोजल की ओर से स्ट्रक्चर का कोई प्लान पास नहीं किया और न ही किसी आर्किटेक्चर ने सर्टिफाइड डिज़ाइन बनाया। निर्माण लोकल ठेकेदारों ने घटिया लोहे और सिमेंट्स का बांधकाम किया, जो कभी भी धराशाई हो सकता है। साथ ही हाल ही में हुए घाटकोपर के श्रेयस टाकीज के पास हुई घटना की भी पुनरावृत्ति हो सकती है। हर साल पेपर में अवैध इस्तिहार देने के बाद भी प्रशासन कोई उचित और निर्णायक कार्रवाई नहीं कर रहा है।
म्हाडा की प्रॉपर्टी से हुए किसी भी निर्माण कार्य हमारे कार्य क्षेत्र में नहीं आता है। बेहतर होगा कि जोन-6 के डीएमसी रंजीत ढांकने से इस विषय पर बात करें तो ही इस मामले की उचित जानकारी मिल सकती है।
– संतोष धोंडे, मनपा सहायक आयुक्त, एस-वार्ड
हमारी तरफ से जांच जारी है। जल्द ही हम ठोस और उचित कार्रवाई करेंगे, जिससे भविष्य में इस तरह के कब्जों की पुनरावृत्ति नहीं होगी। जांच के दौरान पाए जाने वाले अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई जी जाएगी और उन पर एफआईआर दर्ज होगी।
– बी. राधाकृष्णन, सीओ, म्हाडा मुंबई बोर्ड
मिली शिकायत के आधार पर जांच करना शुरू कर दिया है। अब तक बने सभी अवैध निर्माण को हम जल्द ही नोटिस देकर ध्वस्त करेंगे। म्हाडा की जमीन पर अवैध रूप से निर्मित इमारतों पर सख्त करवाई की जाएगी और भविष्य में म्हाडा को चुना लगाने लोग एक बार सोचेंगे जरूर।
– उदय सामंत, म्हाडा अध्यक्ष