
मौत (प्रतिकात्मक तस्वीर)
CG News: नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के बालक बुनियादी आदर्श उच्चतर माध्यमिक विद्यालय छात्रावास में आठवीं कक्षा के एक छात्र की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। इस घटना ने स्कूल प्रबंधन और छात्रावास व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। एनएसयूआई की टीम ने विद्यालय पहुंचकर छात्रों और छात्रावास अधीक्षक से जानकारी ली।
एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि छात्रावास में चिकित्सा सुविधा और मेडिकल स्टाफ की अनुपस्थिति गंभीर लापरवाही है । इसी छात्रावास में कुछ महीने पहले 11वीं कक्षा के छात्र ने आत्महत्या कर ली थी। उस समय अधीक्षक को तत्काल हटा दिया गया था। ऐसी घटनाओं ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचालित सरकारी स्कूलों और छात्रावासों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
छात्रावास अधीक्षक हेमंत भूआर्य ने बताया कि छात्र सुबह तक बिल्कुल स्वस्थ था। अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और साथी बच्चों ने इसकी सूचना दी। अधीक्षक ने मौके पर पहुंचकर छात्र को अचेत अवस्था में पाया, उसके मुंह से झाग निकल रहा था। 108 एम्बुलेंस सेवा से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला। बाद में निजी वाहन से जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने छात्र को मृत घोषित कर दिया। शव का पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया है। मौत का कारण रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा।
जानकारी के अनुसार, मृत छात्र को 16 अगस्त को चेचक के लक्षण दिखे थे। इसके बाद उसे परिजनों को भेजा गया था। छात्र 3 सितम्बर को वापस लौटा और तब से नियमित रूप से स्कूल आ रहा था। उसकी तबीयत खराब होने की कोई शिकायत दर्ज नहीं की गई थी।
‘‘छात्रावास में मेडिकल स्टाफ न होना विभाग की बड़ी लापरवाही है। यदि समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध होती तो छात्र की जान बच सकती थी। 108 एम्बुलेंस सेवा इलाके में पूरी तरह फेल है। इस मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।’’ - विजय सलाम, एनएसयूआई जिलाध्यक्ष
Published on:
16 Sept 2025 04:19 pm
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