scriptVivek Sagar: अशोक ध्यानचंद ने पहचान ली थी प्रतिभा, पिता ने बताई संघर्ष की कहानी, देखें VIDEO | Olympic Games Paris 2024: Ashok Dhyanchand had recognized the talent, indian hockey team vivek sagars father also told the story of struggle | Patrika News
नर्मदापुरम

Vivek Sagar: अशोक ध्यानचंद ने पहचान ली थी प्रतिभा, पिता ने बताई संघर्ष की कहानी, देखें VIDEO

Olympic Games Paris 2024: विवेक सागर के परिवार ने की पत्रिका से खास बातचीत…। पिता ने कहा अशोक ध्यानचंद ने पहचान ली थी उसकी प्रतिभा…।

नर्मदापुरमAug 10, 2024 / 02:05 pm

Manish Gite

vivek sagar
Olympic Games Paris 2024: मैं चाहता था कि बेटा पढ़ लिखकर रोजगार से लग जाए। जब वह खेल के कारण क्लास से गायब रहता तो मैं उसे खूब डांटता था, लेकिन उसकी मां, बहनें और भाई उसे खेलने के लिए प्रेरित करते थे। वह मेरी चोरी से ग्राउंड जाकर हॉकी खेलता रहा। बेटे के जुनून के आगे उसे बाहर जाकर खेलने की मैंने स्वीकृति दे दी।
यह कहना है पेरिस ओलंपिक में लगातार दूसरी बार ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम (indian hockey team) के सदस्य विवेक सागर प्रसाद (vivek sagar prasad) के पिता रोहित प्रसाद का। हॉकी टीम के मेडल लाने पर दिल्ली से लेकर नर्मदापुरम (narmadapuram) तक जश्न का माहौल है।
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Vivek prasad Sagar

विवेक ने भोपाल स्थित साई अकादमी से खेल की शुरुआत की। खेल के दौरान कई उतार चढ़ाव आए। एक दौर तो ऐसा आया कि दुर्घटना के बाद डॉक्टर्स ने कह दिया कि वह कभी हॉकी नहीं खेल पाएगा। उसकी इच्छाशक्ति और जुनून ही था कि वह फिर मैदान में उतरा। बिस्तर पर पड़े रहने के दौरान वह हॉकी स्टिक ही चलाता रहता था। आज हमारे परिवार के साथ पूरे देश को भी उस पर गर्व है। वे बताते हैं कि खेल के शुरुआती दौर में उसके पास अच्छे जूते और हॉकी स्टिक नहीं थी तो फैक्ट्री के कुछ सीनियर खिलाडिय़ों ने उसे जूते, ड्रेस और हॉकी स्टिक दिलाई।
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अशोक ध्यानचंद ने पहचानी प्रतिभा

विवेक के पिता बताते हैं कि महाराष्ट्र में एक प्रतियोगिता के दौरान अशोक ध्यानचंद (ashok dhyanchand) उसके खेल से प्रभावित हुए। उन्होंने उसे मप्र राज्य पुरुष हॉकी अकादमी में प्रवेश दिलाकर हॉकी की बारीकियां सिखाईं। जिसके बाद अब विवेक भारतीय हॉकी का एक सफल खिलाड़ी बन गया है।
ashok dhyanchand

शुरुआत में दुर्घटना ने तोड़ दिया था

पिता बताते हैं कि 2017 में उसके कंधे की हड्डी टूट गई थी। खेल अकादमी के डॉक्टर दीपक शाह के पास ले गए। अगले दिन उसकी सर्जरी हुई। डॉक्टर और कोच ने इसके ठीक होने की संभावना 10 प्रतिशत बताई थी लेकिन हमें तो उम्मीद थी कि बेटा सफलता के शिखर पर पहुंचेगा।


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