विकास की राजनीति करने वाली शीला दीक्षित ने बदला दिल्ली का चेहरा
शीला दीक्षित की गांधी परिवार में शामिल होने की कहानी भी बहुत दिलचस्प है। बात उन दिनों की है जब शीला की नई-नई शादी हुई थी। उनके ससुर उमा शंकर दीक्षित इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में गृह मंत्री हुआ करते थे।
दूसरे ही दिन उन्होंने अपने रसोईए को शीला दीक्षित के घर भेजा और जलेबी बनाने की विधि समझी। इसके बाद तो इंदिरा गांधी कई बार उनके घर गईं और पारिवारिक रिश्ता बन गया।
आमतौर पर शीला दीक्षित को गांधी परिवार के नजदीक आने के पीछे सोनिया गांधी की पसंद बताया जाता है, लेकिन आपको बता दें कि शीला दीक्षित के काम से प्रभावित होकर सबसे पहला मौका उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने दिया था।
शीला दीक्षित के गांधी परिवार से नजदीकियों का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 10 जनपथ में वे बिना किसी रोक-टोक के आ-जा सकती थीं। सोनिया गांधी से मिलने के लिए उन्हें किसी की इजाजत नहीं लेनी पड़ती थी और ना ही कभी अलग से समय लेने की जरूरत पड़ी।
शीला के जरिये परिवार तक पहुंच
कई बार पार्टी के दूसरे नेता शीला दीक्षित के माध्यम से गांधी परिवार तक अपने संदेश पहुंचवाया करते थे, यदि किसी के घर में कोई आयोजन होता था तो वो शीला दीक्षित के सहारे ही गांधी परिवार तक निमंत्रण देने के लिए पहुंच पाते थे।
शीला दीक्षित को भी प्रियंका गांधी के बच्चों के जन्मदिन और अन्य पारिवारिक कार्यक्रमों में देखा जाता था। सोनिया गांधी जब विदेश से इलाज कराकर वापस लौंटी तो शीला दीक्षित उनसे मिलने वालों में सबसे पहली महिला नेता थीं।