script

बड़ा झटका : राज्य सरकार ने केंद्र पर मढ़ा आरोप, छत्तीसगढ़ में 18 + के टीकाकरण पर लगी रोक

locationरायपुरPublished: May 06, 2021 02:32:15 am

Submitted by:

CG Desk

– महाअभियान को बड़ा झटका, स्वास्थ्य विभाग (18 plus vaccination ban in chhattisgarh) ने देर रात सभी कलेक्टरों को जारी किया आदेश .
– अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित समिति तय करेगी टीका की पात्रता .

18 plus vaccination ban in chhattisgarh.JPG

राज्य सरकार ने केंद्र पर मढ़ा आरोप, छत्तीसगढ़ 18 प्लस के टीकाकरण पर लगी रोक

रायपुर . छत्तीसगढ़ में एक मई से राज्य सरकार ने 18 से 44 आयुवर्ग के लोगों के लिए शुरू किए गए टीकाकरण अभियान पर पांच दिन बाद रोक (18 plus vaccination ban in chhattisgarh) लगा दी है। राज्य सरकार ने इसे छह मई से स्थगित कर दिया है। बुधवार देर रात स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को इससे संबंधित आदेश भी जारी कर दिए। यह फैसला टीकाकरण को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट ((18 plus vaccination ban in chhattisgarh) after highcourt interference ) के फैसले के बाद लिया गया। हाईकोर्ट के दखल के बाद सरकार ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन की अध्यक्षता में सचिवों की एक समिति गठित की है, जो हाईकोर्ट के निर्देश के विभिन्न पहलुओं जैसे भेदभाव, संक्रमण फैलने की संभावना और समूह में पात्र व्यक्तियों की संख्या पर विचार करेगी।
READ MORE : छत्तीसगढ़ में दूसरी लहर फिर तेज, संक्रमितों की संख्या 8,00,000 पार

इसके बाद टीकाकरण फिर शुरू होगा। हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि अंत्योदय, बीपीएल और एपीएल के लिए टीकाकरण अनुपात का निर्धारण राज्य सरकार द्वारा किया जाए। जिला कलेक्टर को लिए गए पत्र में इस बात का उल्लेख है कि राज्य सरकार द्वारा अनुपात का निर्धारण करने में समय लगेगा। अगर, टीकाकरण को जारी रखा जाता है तो यह हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना माना जा सकता है। तब तक टीकाकरण स्थगित रहेगा। मगर, 45 वर्ष से अधिक आयुवर्ग का टीकाकरण सुचारू रूप से जारी रहेगा।
सरकार ने स्वीकारा कि अराजकता हो सकती थी
राज्य सरकार के पत्र में इस बात का उल्लेख है कि केंद्र ने राज्य को 18 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के नागरिकों का टीकाकरण, स्वयं के बजट पर करने की अनुमति दी, जिसके बाद कंपनियों से 75 लाख टीकाकरण की मांग की गई, मगर कंपनियों ने 30 अप्रैल तक वैक्सीन सप्लाई नहीं की। 30 अप्रैल शाम को कहा गया कि 1 मई को 1.50 लाख वैक्सीन भेज रहे हैं। यही वजह है कि विस्तृत कार्ययोजना नहीं बना सके। 1.50 लाख वैक्सीन सभी आयुवर्ग के लोगों के लिए खोली जाती तो अराजकता मच सकती थी। इसलिए आयुवर्ग के एक विशेष समूह को देना आवश्यक हो गया था।
READ MORE : कोरोना के थर्ड वेव की आशंका से इनकार नहीं, AIIMS डायरेक्टर बोले- तैयार रहने की जरूरत”

केंद्र पर मढ़ा आरोप
राज्य सरकार ने अपने पत्र में लिखा है कि कोविन पोर्टल पर ऑनसाइट पंजीयन की अनुमति थी, जिसे केंद्र ने 18 से 44 आयुवर्ग के नागरिकों को यह सुविधा वापस ले ली, जो गरीबों के साथ बहुत बड़ा भेदभाव है। इसलिए अत्यंत गरीब लोगों के लिए सरकार को नीति अपनाने पर विवश होना पड़ा।
पहले दिन से हो रहा था विरोध
राज्य सरकार के वर्ग विशेष को टीकाकरण के फैसले का पहले दिन से विरोध हो रहा था। टीकाकरण से वंचित रहने वाले बीपीएल और एपीएल वर्ग के लोगों ने इसे अधिकारों का हनन करार दिया था। सोशल मीडिया समेत अन्य मंचों पर जमकर विरोध हुआ।
READ MORE : रायपुर में 17 मई तक लॉकडाउन, पांच बजे तक मिलेगी जरुरी वस्तुएं

अमित जोगी बोले- गलत नियत से लिया फैसला
जकांछ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा, हाईकोर्ट की मंशा है कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के साथ-साथ बाकी सभी को भी टीका लगे, किंतु इस मंशा के विपरीत फरमान निकाल दिया। सरकार ने हाईकोर्ट को जनता के समक्ष खलनायक बनाने की गलत नियत से यह फैसला लिया है।
यह कहा था हाईकोर्ट में
सरकार के टीकाकरण नीति पर हाई कोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की थी। हाई कोर्ट ने कहा था, बीमारी अमीर-गरीब को देखकर नहीं आती है। टीकाकरण डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के अनुसार होना चाहिए। कोर्ट ने यह भी कहा था कि व्यवस्था बनाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।

ट्रेंडिंग वीडियो