
CG Doctors: रायपुर। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने नियम विरूद्ध प्राइवेट प्रेक्टिस करने वाले डॉक्टरों को चेतावनी दी है। उन्होंने सोमवार की बैठक कहा कि ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डॉक्टरों को नियमानुसार भत्ता दिया जा रहा है। ऐसे में भी वे प्राइवेट प्रेक्टिस करते हैं तो गलत है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जायसवाल ने सीएमएचओ, सिविल सर्जन व नोडल अफसरों की बैठक ली।
पत्रिका ने मार्च में मेडिकल कॉलेज व जिला अस्पतालों में पदस्थ डॉक्टरों के प्राइवेट प्रेक्टिस पर सवाल उठाए थे और सीरिज चलाई थी। यही नहीं जो डॉक्टर नॉन प्रेक्टिस अलाउंस ले रहे हैं, वे भी धड़ल्ले से प्राइवेट प्रेक्टिस कर रहे हैं। ऐसे डॉक्टरों ने तीन सीनियर एचओडी भी शामिल हैंं। वहीं प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर भी एनपीए लेते हुए प्रेक्टिस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक महीने के भीतर जिलों में संचालित निजी पैथोलॉजी सेंटर की सूची तैयार करें।
अनियमित पैथोलॉजी लैब को एक साल के भीतर नियमितीकरण करें। अगर इन पैथोलैब के पास वैध दस्तावेज नहीं हैं तो इन्हें आयुष विश्वविद्यालय से डिप्लोमा का कोर्स करने का मौका दिया जाएगा। उन्होंने सरकारी अस्पतालों में पैथोलॉजी लैब को मजबूत करने कहा, जिससे मरीजों को पूरा लाभ मिल सके।
जायसवाल ने कहा कि अब सरकारी अस्पतालों से मरीजों को दूसरे अस्पतालों में रेफर करने के लिए ठोस कारण बताना होगा। जरूरत पड़ने पर इसका रिव्यू भी किया जाएगा। यह भी पता लगाया जाएगा कि आखिर किन परिस्थितियों में मरीज को रिफर किया। तीन माह के भीतर मोदी की गारंटी के अंतर्गत 500 जन औषधि केंद्र खोले जाएंगे। ऐसे में तैयारी पूरी कर ली जाए।
जायसवाल ने स्वाइन फ्लू, डेंगू, मलेरिया व मौसमी बीमारियों को लेकर विशेष ऐहतियात बरतने को कहा। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों की पहचान करने के लिए जांच की संख्या बढ़ाई जाए। जांच के बाद सैंपल के आने तक का इंतजार न करके मरीज का तुरंत ही इलाज शुरू करें। समीक्षा बैठक में डेंगू डायरिया और मलेरिया को लेकर भी समीक्षा की गई। उन्होंने अधिकारियों को इन बीमारियों से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा।
Updated on:
17 Sept 2024 10:24 am
Published on:
17 Sept 2024 10:22 am
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