
Halshashthi Vrat 2024: हलषष्ठी त्योहार बहुत ही धूमधाम से महिलाएं मनाती हैं। हलषष्ठी महिलाएं अपने पुत्र यानि की अपने संतान की लबी उम्र के लिए यह व्रत करती है। ज्योतिष व वास्तु सलाहकार मनोज शुक्ला ने बताया कि हलषष्ठी व्रत जिसे कमरछठ भी कहते हैं, इस वर्ष 24 अगस्त को मनाया जाएगा।
पंचांग के अनुसार, षष्ठी तिथि 24 अगस्त को सुबह 7:51 बजे शुरू होगी और 25 अगस्त को सुबह 5:30 बजे समाप्त होगी। इस वर्ष षष्ठी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो जाएगी। इसलिए हलषष्ठी व्रत शनिवार को ही करना उचित रहेगा। शहर के प्रसिद्ध सिद्धपीठ, मां महामाया देवी मंदिर पुरानी बस्ती में हलषष्ठी व्रत का पूजन 24 अगस्त को दोपहर 1 बजे मंदिर के मुख्य पुजारी द्वारा किया जाएगा।
इस अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी। इस व्रत में हल द्वारा बोया-जोता हुआ अन्न, फल, और गाय के दूध-दही का सेवन निषिद्ध होता है। केवल भैंस के दूध, दही या घी का उपयोग किया जा सकता है।
पं. मनोज शुक्ला ने बताया कि हरछठ या हलषष्ठी व्रत भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम जी की पूजा के लिए होता है। इस व्रत के पुण्य प्रभाव से संतान को लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। माताएं इस व्रत को अपने बच्चों के सुखमय जीवन और दीर्घकालिक स्वास्थ्य के लिए करती हैं।
Halshashthi Vrat 2024: पौराणिक कथा के अनुसार एक ग्वालिन गर्भवती थी और अपने दूध-दही को बेचने के लिए निकल पड़ी। प्रसव पीड़ा शुरू होने पर, उसने एक बेरी के नीचे बच्चे को जन्म दिया और दूध-दही बेचने चली गई। वह गांव वालों को गुमराह करके केवल भैंस के दूध को गाय के दूध के रूप में बेचा।
इस पाप के कारण, बच्चे को हल लग गया। किसान ने झरबेरी के कांटों से बच्चे के पेट में टांके लगाए और छोड़ दिया। यह कथा व्रति को बताती है कि व्रत को पूर्ण श्रद्धा और सही तरीके से करना चाहिए।
बच्चों की सुख-समृद्धि और लंबी उम्र के लिए माताओं के द्वारा रखा जाने वाला व्रत हलषष्ठी कल 24 अगस्त को मनाया जाएगा। यहां पढ़ें पूरी खबर…
संतान की दीर्घायु और कुशलता की कामना के लिए महिलाओं ने हलषष्ठी का व्रत रखा। हलषष्ठी के दिन महिलाएं सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प.. यहां पढ़ें पूरी खबर
Updated on:
23 Aug 2024 02:06 pm
Published on:
23 Aug 2024 02:05 pm
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