30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

शिक्षक नहीं, टॉयलेट भी गंदा! स्वामी आत्मानंद स्कूल में अंधेरा व गंदगी, शिक्षा का मॉडल ध्वस्त…

Swami Atmanand School: राजनांदगांव जिले में राज्य सरकार द्वारा गुणवत्तापूर्ण अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल आज खुद बदहाली की तस्वीर बना हुआ है।

2 min read
Google source verification
CG News: बच्चों को शिक्षक का जन्मदिन मनाना पड़ा भारी, प्रधानपाठक ने कर दी पिटाई, परिजनों ने लगाया यह आरोप

स्वामी आत्मानंद हिंदी माध्यम स्कूल (Photo Patrika)

Swami Atmanand School: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में राज्य सरकार द्वारा गुणवत्तापूर्ण अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल आज खुद बदहाली की तस्वीर बना हुआ है। शिक्षा के इस मंदिर में न बिजली है, न सफाई, न ही अंग्रेजी पढ़ाने वाला शिक्षक, और प्रशासनिक लापरवाही ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।

लगातार मिल रही शिकायतों के बाद नेता प्रतिपक्ष संतोष पिल्ले ने जब मौके पर पहुंचकर स्कूल का निरीक्षण किया तो स्थिति देखकर हैरान रह गए। उन्होंने कहा कि स्कूल कम, कचरा घर ज्यादा लग रहा था। पूरे परिसर में गंदगी फैली थी, दीवारों से प्लास्टर झड़ रहे थे और कई जगह बिजली के तार खुले पड़े थे। इससे बच्चों की जान को खतरा है।

Swami Atmanand School: दानवीरों का अपमान

नेता प्रतिपक्ष ने यह भी उजागर किया कि अपने भवन को शिक्षा के लिए दान करने वाले दानवीर राजाओं के तैलचित्र धूल व जाले में लिपटे हुए एक कोने में फेंके गए हैं, जो न केवल दानदाताओं का अपमान है बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत के प्रति उदासीनता का उदाहरण भी है।

प्राचार्य बोले-कई बार ध्यान दिलाया

प्राचार्य पंकज शुक्ला ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में कलेक्टर, निगम आयुक्त व शिक्षा विभाग को कई बार जानकारी दी, लेकिन किसी स्तर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। स्कूल लगातार अनदेखी का शिकार हो रहा है। विभाग की ओर से स्कूल की ओर ध्यान ही नहीं दिया जा रहा है।

स्कूल में सफाईकर्मी नहीं होने से टॉयलेट गंदगी से भरे पड़े हैं और उनमें से बदबू आती है। बिजली की उचित व्यवस्था न होने के कारण कई कक्षाओं में अंधेरा पसरा रहता है, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई पर सीधा असर पड़ रहा है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह एक इंग्लिश मीडियम स्कूल है, लेकिन यहां इंग्लिश का शिक्षक ही नहीं है। बच्चों को बिना शिक्षक के परीक्षा देनी पड़ रही है, जो शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्न खड़ा करता है।

राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू

नेता प्रतिपक्ष पिल्ले ने आरोप लगाया कि कांग्रेस शासनकाल में शुरू हुए आत्मानंद स्कूल को भाजपा सरकार ने पिछड़ेपन की ओर धकेल दिया है। उन्होंने कहा कि कभी जिस स्कूल में पढ़ाना गर्व की बात थी, वहां अब पढ़ाई करवाना शर्म की बात बन गई है।