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बता दें कि रामपुर (Rampur) में यतीमखाने की जमीन पर वर्षों से रह रहे लोगों को उजाड़ने और उनकी भैंस-बकरी चोरी करने और घर में रखी नगदी-ज्वेलरी लूट के आरोप में आजम खान के खिलाफ पिछले माह पीड़ितों ने नगर कोतवाली में केस दर्ज कराए थे। उन्ही मुकदमों में आजम खान के वकील ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसे जिला न्यायाधीश की अदालत से खारिज कर दिया है। दरअसल, यतीमखाने की जमीन पर 42 परिवार नवाबों के जमाने के समय से रह रहे थे, लेकिन 15 अक्टूबर 2013 को अचानक पुलिस फोर्स वहां पहुंची आैर लोगों को उनके घर से निकालकर बाहर कर दिया गया। इसका विरोध करने पर उन्हें बंधक बनाकर पुलिस की जिप्सी में बिठा लिया गया। इस मामले में पिछले माह कई लोगों ने नगर कोतवाली में तत्कालीन मंत्री आजम खान पर आरोप लगाते हुए ये केस दर्ज कराए थे। इन मामलों में आजम खां और पूर्व सीओ समेत कई पुलिस कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कराए गए हैं।