
25 मई से नवतपा : बारिश के साथ वेदर में आना वाला है बड़ा बदलाव
रतलाम. 25 मई से 8 जून तक नवतपा की शुरुआत हो रही है। मई जून के माह में होने वाले इस नवतपा में सबसे अधिक गर्मी रहती है। पहली बार नवतपा को लेकर मौसम विभाग व ज्योतिषियों की राय समान है। इस बार मंगल व राहु के आपस में नक्षत्र परिवर्तन के चलते बडे़ बदलाव के साथ मई माह का अंतिम सप्ताह जमकर तपेगा। हालांकि इस बार नवतपा में ही बारिश के योग भी बन रहे है।
वर्ष 2011 से लेकर 2019 तक के 9 साल के नवतपा को देखें तो तीन बार बारिश हुई है। वर्ष 2011 में 1 मिमी, वर्ष 2014 में 2 मिली व वर्ष 2017 में भी 2 मिमी वर्षा रतलाम में नवतपा के दौरान हुई है। जबकि वर्ष 2012, 2013, 2015, 2016, 2018 व 2019 में बारिश नहीं हुई थी। 2016 में सबसे अधिक तापमान 44.8 डिग्री सेल्सियस हुआ था। जबकि नवतपा में ही सबसे कम गर्मी 2011 में अधिकतम तापमान 41 डिग्री रहा है।
यह कहते है ज्योतिषी
ज्योतिषी अभिषेक जोशी के अनुसार सूर्य का चंद्रमा के नक्षत्र रोहिणी में 25 मई को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर आगमन होगा। इसके साथ ही नवतपा की शुरुआत हो जाएगी। इस बार गुरु व शनि दोनों प्रमुख ग्रह के वक्री रहने के चलते गर्मी अधिक रहेगी। 30 मई को शुक्र वृषभ राशि में सूर्य के संपर्क में आकर अस्त होगा, इसके साथ ही गर्मी तो कम होगी ही इसके अलावा बारिश के योग भी बन रहे है। इसके अलावा मंगल व राहु का नक्षत्र परिवर्तन बडे़ बदलाव प्रकृति में करवाएगा। इस दौरान कुछ देश में सत्ता परिवर्तन का योग भी बन रहा है।
भूकंप के बन रहे योग
ज्योतिषी अभिषेक जोशी के अनुसार पिछले 15 बड़े भूकंप में बुध सूर्य के अंश से अधिक आगे था इतना ही नहीं कई भूकंप में यह देखने में आया है कि क्रूर ग्रह मंगल शनी का परस्पर दृष्टि संबंध राहु मंगल का दृष्टि संबंध या युति अथवा उनका योग भी बड़े भूकंप का कारण बना है। इस वर्ष 21 जून आषाढ़ कृष्ण अमावस्या को होने वाला कंकणाकृति सूर्य ग्रहण जहां एक और कंधार कश्मीर इन के लिए कष्टकारी रहेगा, वही चीन जापान इंडोनेशिया और पाकिस्तान के विशेष भाग में प्राकृतिक आपदा से जन-धन हानि का योग भी बनेगा। ग्रहण से पूर्व 16 जून को मंगल मीन राशि में प्रवेश कर जाएगा और शनि से दृष्ट रहेगा उससे पहले मंगल पर राहु की दृष्टि बनी हुई है तथा बुध सूर्य के अंश से आगे चल ही रहा है।
सावधानी भी रखना चाहिए
इसलिए अभी से ही शासन को इस और सावधानी भी रखना चाहिए कि किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा जल प्लावन आदि के लिए भी तैयार रहें, क्योंकि वर्तमान स्थिति के अनुसार दक्षिण पश्चिम भूभाग पर प्राकृतिक प्रकोप से प्रभावित होने के असर ज्यादा दिखाई दे रहे हैं। ग्रहण काल के बाद आगामी 90 दिनों के अंदर सैन्य गतिविधियां भी तेज होगी। आगामी 24 मई से 4 जून तक मंगल व राहु का परस्पर नक्षत्र परिवर्तन भी किसी बड़ी घटना का संकेत देते हुए विश्व के देशों में सत्ता हस्तांतरण की ओर भी संकेत कर रही है।
Published on:
24 May 2020 12:54 pm
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