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ट्रेन का करना होगा इंतजार, क्योंकि धीमी चल रही यह परियोजनाएं

locationरतलामPublished: Dec 11, 2019 01:10:40 pm

Submitted by:

Ashish Pathak

आमतौर पर ज्यादातर परियोजनाएं धन की कमी के चलते समय पर आकार नहीं ले पाती, लेकिन रतलाम रेल मंडल में स्थितियां उलट हैं। यहां पर पर्याप्त धन उपलब्ध होने के बाद भी अधिकारी ठेकेदारों से लक्ष्य के मुकाबले काम नहीं करवा पा रहे हैं। इसके चलते कई वर्ष पूर्व शुरू हुई योजनाओं का लाभ यात्रियों को अब तक नहीं मिल पा रहा है।

Train will have to wait, because these slow projects

Train will have to wait, because these slow projects

रतलाम। आमतौर पर ज्यादातर परियोजनाएं धन की कमी के चलते समय पर आकार नहीं ले पाती, लेकिन रतलाम रेल मंडल में स्थितियां उलट हैं। यहां पर पर्याप्त धन उपलब्ध होने के बाद भी अधिकारी ठेकेदारों से लक्ष्य के मुकाबले काम नहीं करवा पा रहे हैं। इसके चलते कई वर्ष पूर्व शुरू हुई योजनाओं का लाभ यात्रियों को अब तक नहीं मिल पा रहा है। मामला डबलीकरण का हो या विद्युतीकरण का, ये सभी काम मंडल में लक्ष्य से पीछे है। महू इंदौर से लेकर रतलाम होते हुए चित्तौडग़ढ़ तक विद्युतीकरण मार्च 2020 तक पूरा होना है, फिलहाल नीमच तक ही हो पाया है। इससे यात्रियों को तेज गति की ट्रेन का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
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ये हैं प्रमुख योजाएं
रतलाम महू सनावद रेल लाइन
298.60 किमी
फतेहाबाद उज्जैन रेल लाइन
22.96 किमी
चित्तौडग़ढ़ नीमच डबलीकरण
55.73 किमी
इंदौर उज्जैन डबलीकरण
80 किमी
नागदा उज्जैन डबलीकरण गंभीर ब्रिज
0.44 किमी
दाहोद इंदौर सरदारपुर झाबुआ धार रेल परियोजना
204.76 किमी
धार छोटा उदयपुर रेल परियोजना
157 किमी
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IMAGE CREDIT: patrika
ये है योजनाओं की वास्तविक स्थिति
– रतलाम महू खंडवा सनावद रेल परियोजना को मंजूरी 2008 में, कमीशन जून 2019 में। 1200 करोड़ की योजना की अब लागत 2307 करोड़ रुपए हो गई।
– फतेहाबाद उज्जैन डबलीकरण रेल परियोजना 2017 में मंजूर हुई। मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य। समय सीमा जनवरी की तय। शुरुआती राशि 80 लाख रुपए थी। अब बढ़कर 104 करोड़ रुपए हो गई।
– इंदौर दाहोद रेल परियोजना वर्ष 2007 में मंजूर। अब तक काम अधूरा। अलग-अलग टुकड़ों में काम चल रहा। धन पूरा, लेकिन कार्य की गति इतनी धीमी की 2023 तक पूरी होगी योजना।
– छोटा उदयपुर धार रेल परियोजना की मंजूरी 2007 में हुई। अलीराजपुर के करीब काम चल रहा। शेष कार्य की गति बेहद धीमी। योजना की गति अनुसार कार्य 2023 तक पूरा होगा।
– नीमच चित्तौडग़ढ़ डबलीकरण योजना 2015 में मंजूर हुई। योजना के लिए 390 करोड़ रुपए जारी किए गए। 2020 में पूरा होना था, लक्ष्य 2021 लिया गया।
– इंदौर देवास उज्जैन रेल परियोजना 2016 में मंजूर हुई। 400 करोड़ रुपए की इस परियोजना को मार्च 2020 में उज्जैन से देवास तक 2021 तक पूरा होना है, गति अनुसार इसमे समय लगने की बात की जा रही।
– नीमच बड़ी सादड़ी 48 किमी रेल लाइन के लिए 495.18 करोड़ रुपए मंजूर किए गए। 2017 में योजना बनी व 2019 में कार्य की शुरुआत हुई। मार्च 2023 का है, लेकिन गति के अनुसार 2025 में पूरा होने की बात की जा रही है।
– नीमच रतलाम डबलीकरण की 918 करोड़ रुपए की योजना को 2018 में मंजूरी दी गई। मार्च 2023 में इसको पूरा होना है। भूमि अधिग्रहण कार्य कुछ स्थान पर शेष है।
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तकनीकी कारण से देरी होती
रेल मंडल में विभिन्न योजना के निर्माण कार्य में कभी कभी तकनीकी कारण से देरी हो रही है, लेकिन इसको समय सीमा में पूरा करने का लक्ष्य लिया गया है।
– विनीत गुप्ता, मंडल रेलप्रबंधक, रतलाम रेल मंडल
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