
गजब है एमपी : यहां हर दिन गुजरना पड़ता है मौत के रास्ते से, महिला को खटिया पर लिटाकर ले जाते ग्रामीण
श्योपुर । ग्राम पंचायत रामगांवड़ी के अन्तर्गत आने वाले काठोदी गांव की आबादी भले ही 900 है। मगर गांव पहुंचने का रास्ता इतना खराब है कि उस पर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। गांव के कच्चे रास्ते की हालत बारिश के चलते काफी बिगड़ गई है। ऐसे में ग्रामीणों का गांव में पैदल चलकर पहुंचना भी मुश्किल भरा साबित हो रहा है। बुधवार को रास्ते की हालत खराब होने के कारण एक महिला की जान संकट में पड़ गई।
दरअसल बुधवार सुबह महिला शिवकला बाई को किसी कीड़े ने काट लिया, जिससे महिला अचेत हो गई। उसे इलाज के लिए ले जाने के लिए परिवार के लोगों को वाहन तो मिल गया। मगर रास्ते में कीचड़ होने के कारण उसमें से वाहन नहीं निकल सका। ऐसे में ग्रामीणों को महिला को खटिया पर बिठाकर कीचड़ से होकर इलाज के लिए ले जाने को मजबूर होना पड़ा। तब कहीं जाकर महिला की जान बच सकी। ग्रामीणों ने बताया कि श्योपुर-बारां हाइवे से काठौदी गांव की दूरी महज ३ किलोमीटर है। मगर ये तीन किलोमीटर का पूरा रास्ता कच्चा है। जिस पर सड़क बनना भी मंजूर हो गया है। मगर जिम्मेदारो की अनदेखी से यह सड़क अभी तक नहीं बन सकी।
चिमलका गांव का रास्ता भी कीचड़भरा
सोंई क्षेत्र के चिमलका गांव का रास्ता भी कीचड़भरा है। जिस कारण ग्रामीणों को खासी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। चूंकि गांव का रास्ता कच्चा है और बारिश के कारण यह कच्चा रास्ता कीचड़मय हो गया है। चिमलका के ग्रामीणों ने बताया कि गांव के रास्ते पर डामरीकरण कराए जाने के लिए काफी समय से मांग उठाई जा रही है, लेकिन इसके बाद भी डामरीकृत सड़क अभी तक नहीं बन सकी है।
गुंसाई बाबा मंदिर का रास्ते में भी कीचड़
ग्राम पांडोली स्थित गुंसाई बाबा मंदिर भलेही लोगों की आस्था का केन्द्र है। जहां रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। मगर इसके बाद भी मंदिर पहुंचने वाले रास्ते की हालत काफी खराब बनी हुई है। बारिश के कारण रास्ते पर इतना कीचड़ हो गया है और श्रद्धालुओं को मंदिर पहुंचने में खासी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं। इसके बाद भी रास्ते की हालत को सुधारा नहीं जा रहा है।
Published on:
23 Aug 2018 02:58 pm
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