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राजस्थान के जांबाज इंस्पेक्टर विक्रम सिंह का हुआ अंतिम संस्कार, 8 वर्षीय बेटे ने दी मुखाग्नि

locationसीकरPublished: Sep 25, 2019 02:06:17 pm

Submitted by:

Naveen

इंस्पेक्टर विक्रम सिंह शेखावत ( Inspector Vikram Singh Shekhawat ) का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान ( Funeral of Inspector Vikram Singh Shekhawat ) के साथ पैतृक गांव खुड़ी में किया गया। 8 वर्षीय बेटे शौर्यवर्धन सिंह ने पिता को मुखाग्नि दी।

राजस्थान के जांबाज इंस्पेक्टर विक्रम सिंह का हुआ अंतिम संस्कार, 8 वर्षीय बेटे ने दी मुखाग्नि

राजस्थान के जांबाज इंस्पेक्टर विक्रम सिंह का हुआ अंतिम संस्कार, 8 वर्षीय बेटे ने दी मुखाग्नि

सीकर।
कई बड़े भ्रष्टाचारियों को सलाखों के पीछे पहुंचाने वाले भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में पदस्थापित इंस्पेक्टर विक्रम सिंह शेखावत ( Inspector Vikram Singh Shekhawat ) नही रहे। उसका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान ( Funeral of Inspector Vikram Singh Shekhawat ) के साथ लक्ष्मणगढ़ स्थित पैतृक गांव खुड़ी ( Khuri Bari Laxmangarh ) में किया गया। 8 वर्षीय बेटे शौर्यवर्धन सिंह ने पिता को मुखाग्नि दी। पुलिस के जवानों नेगार्ड ऑफ ऑनर दिया। शेखावत को नम आंखों से विदाई दी गई। इससे पहले उनकी पार्थिव देह जैसे ही घर पहुंची तो कोहराम मच गया। लोगों ने परिजनों को ढांढस बंधाया। शेखावत की पार्थिव देह देख हर किसी की आंखे नम थी। आसमां भारत माता की जय और विक्रम सिंह अमर रहे के नारों से गूंज उठा।

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अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए पुलिस महा निरीक्षक एमएन दिनेश, पुलिस महानिरीक्षक वी के सिंह, पुलिस अधीक्षक गगनदीप सिंगला, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामसिंह शेखावत, लक्ष्मणगढ़ थानाधिकारी राममनोहर, एसएचओ महावीर सिंह राठौर सहित जिले के अनेक पुलिस अधिकारियों ने उन्हें अंतिम विदाई दी। बता दें कि इंस्पेक्टर विक्रम सिंह शेखावत का लंबी बीमारी के कारण जयपुर के निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह लक्ष्मणगढ़ के खुड़ी गांव के रहने वाले थे। उनके पिता शिवपाल सिंह शेखावत भी झुंझुनूं में बगड़ थानाधिकारी रहते हुए अपराधिकायों से संघर्ष करते हुए शहादत प्राप्त की थी।

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विभाग के लिए बड़ी क्षति
सीकर पुलिस महानिरीक्षक एमएन दिनेश ने इंस्पेक्टर विक्रम सिंह शेखावत की मौत को विभाग के लिए बड़ी क्षति बताया। विक्रम सिंह शेखावत समाज और परिवार से भी ज्यादा विभाग को समय देते। 1976 में सीकर जिले के खुडी-लक्षमनगढ में जन्में विक्रम सिंह ने करीब 10 साल तक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में सेवाएं दीं। इस दौरान कई मामलों के खुलासे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हाई प्रोफ़ाइल मामलों के बड़े खुलासों में आईएएस और आईपीएस जैसे ओहदेदारों को घूसखोरी के चलते जेल जाना पड़ा। ये वो मामले रहे जिनके खुलासे में विक्रम सिंह सूत्रधार बने। विक्रम सिंह के सहयोगी बताते हैं कि डिपार्टमेंट में जब भी कोई बड़े मामले की तहकीकात करनी होती तब अफसर विक्रम सिंह को टीम में ज़रूर शामिल करते। एसीबी महकमे में विक्रम ने सबसे काबिल इंस्पेक्टरों की फहरिस्त में अपनी एक अलग ही पहचान बना ली थी।

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पिता भी हुए थे वीरगति को प्राप्त
विक्रम सिंह शेखावत के पिता पुलिस में इंस्पेक्टर थे और वर्ष 1999 में बगड़ थाना अधिकारी के पद पर तैनात थे। वह भी अपराधियों से संघर्ष करते हुए वीरगति को प्राप्त हो हुए थे। पिता ने जहां पुलिस विभाग में रहते हुए अहम भूमिका निभाई तो वहीं बेटे विक्रम सिंह ने भी अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए कई सराहनीय कार्य किए। विक्रम सिंह के 8 वर्षीय शौर्यवर्धन सिंह बेटा है। पत्नी कृति शेखावत है।

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