
सीकर. गृह मंत्रालय, भारत सरकार व राज्य सरकार की ओर से किराए पर बैंक खाते ( म्युल अकाउंट) लेकर आमजन से की जा रही साइबर ठगी को लेकर सख्ती बरती जा रही है। शेखावाटी में म्युल बैंक अकाउंट किराए पर लेकर साइबर अपराध कर भोले-भाले लोगों से करोड़ों रुपए ठगे जा रहे हैं। यहां पर साइबर ठग, बदमाश, सट्टा, यूएसडिटी, ऑनलाइन सट्टा, बिटकॉइन, क्रिप्टो करेंसी की अवैध राशि किराए पर खाते लेकर इनके जरिए ब्लैकमनी विदेश भेजी जा रही है। राजस्थान में सबसे ज्यादा म्युल बैंक अकाउंट जयपुर कमिश्नरेट में 26710 बैंक खाते, जोधपुर कमिश्नरेट में 11410 और तीसरे नंबर पर अलवर जिले 10430, सीकर जिला 5104 खातों के साथ सातवें स्थान पर, नागौर जिला 4157 म्युल खातों के साथ आठवें, झुंझुनूं जिला 4010 म्युल खातों के साथ नौवें, और चूरू 1726 म्युल अकाउंट के साथ 18वें स्थान पर है। वहीं सबसे कम म्युल अकाउंट कोटा ग्रामीण में 36 मिले हैं, जहां सबसे कम साइबर ठगी हुई है।
सीकर के एडिशनल एसपी गजेंद्रसिंह जोधा ने बताया कि बताया कि ऑनलाइन फ्रॉड, डिजीटल अरेस्ट के रुपयों का लेनदेन भी इन किराए के बैंक खातों में किया जा रहा है। राजस्थान में मार्च 2025 तक 111307 म्युल खातों से लेनदेन किया जा चुका है। झुंझुनूं पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि जिले और आसपास के गांवों से किराए पर लिए गए करीब 4010 म्युल बैंक खातों से दो अरब रुपए से अधिक का लेन-देन हुआ। इनमें से लगभग 70 करोड़ रुपए सीधे ठगी की रकम थी। ठगी के बाद पैसों को तुरंत अन्य राज्यों में ट्रांसफर कर दिया जाता था। पुलिस टीमों ने अब तक 40 खाताधारकों को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया है कि गिरोह खाता किराए पर उनमें लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन कर देते थे।
साइबर थाना सीकर के थानाधिकारी आरपीएस अनुज डाल ने बताया कि म्युल अकाउंट संदिग्ध बैंक खाते होते हैं। जिन बैंक खातों में साइबर फ्रॉड की मोटी रकम आती है वे संदिग्ध होते हैं। साइबर ठग अपने गिरोह के गुर्गाें के जरिए जन -धन अकाउंट व पीएम किसान निधि के नाम धोखाधड़ी कर दूसरे के नाम से खाते खुलवा लेते हैं। खुलवाए बैंक खातों में एक लिमिट से कई गुना अधिक रुपयों का लेनदेन करते हैं, उन्हें साइबर अपराध जगत में म्युल अकाउंट के नाम से जाना जाता है।
- टीबा की ढाणी लक्ष्मणगढ़, सीकर निवासी पीड़ित मजदूर होलाश कुमार मेघवाल ने आरोपी महेंद्र के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। आरोपी ने पीड़ित को झांसे में लेकर तीन बैंकों में खाते खुलवाकर उनके एटीमए, पासबुक व चैकबुक अपने पास ही रख लिए। साइबर ठगों ने इन तीनों खातों में एक करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन किया।
राजस्थान के करीब हर जिले में किराए पर बैंक खाते ( म्युल बैंक अकाउंट) मिले हैं। ये बैंक खाते किसी श्रमिकों, महिलाओं, छात्र-छात्राओं, गरीब लोगों आदि को रुपयों का लालच देकर खुलवाए गए हैं। इन बैंक खातों की पासबुक्स, चैक बुक, एटीएम व सिम कार्ड आदि साइबर ठग अपने पास रख लेते हैं। ऐसे में ऐसे आरोपियों व साइबर ठगों और उनके गैंग के सदस्यों से आमजन को बचना चाहिए। साइबर अपराधी किराए के बैंक खातों में करोड़ों रुपयों का लेनदेन करते हैं जिससे कि खाता धारक पीड़ित भी अपराधी बन जाता है। ऐसे में बदमाशों या परिचितों के झांसे में आकर अपनी निजी व बैंकिंग संबंधी जानकारी व दस्तावेज किसी को नहीं देनी चाहिए।
1. जयपुर कमिश्नरेट में 26710 म्युल बैंक खाते
2. जोधपुर कमिश्नरेट - 11410
3. अलवर - 10430
4. अजमेर - 6627
5. सवाई माधोपुर -6140
6. भरतपुर- 6082
7. सीकर - 5104
8. नागौर - 4157
9. झुंझुनूं - 4010
10. दौसा - 3664
11. श्रीगंगानगर -3356
12. उदयपुर - 2879
13. टोंक - 2841
14. कोटा सिटी - 2674
15. जयपुर ग्रामीण -2183
16. भीलवाड़ा - 2103
17. हनुमानगढ़ - 1883
18. चूरू - 1726
19. भिवाड़ी - 1655
20. बाड़मेर - 1558
21. करौली - 1540
22. जोधपुर ग्रामीण - 1359
23. पाली - 1291
24. चित्तौड़गढ़ - 977
25. खैरथल-तिजारा - 892 26. बूंदी - 852
27. डीडवाना- 814
28. फलौदी- 814
29. जालोर- 696
30. बीकानेर - 684
31. धौलपुर - 672
32. राजसमंद - 629
33. बांसवाड़ा - 608
34. कोटपूतली-बहरोड़- 603
35. सलूंबर - 555
36. डूंगरपुर - 531
37. जैसलमेर- 444
38. बारां - 406
39. झालावाड़ - 372
40. ब्यावर- 358
41. सिरोही - 346
42. डीग- 212
43. प्रतापगढ़ - 185
44. सलूंबर - 121
45. कोटा ग्रामीण- 36
म्युल अकाउंट को लेकर राजस्थान पुलिस की ओर से प्रदेशभर में अभियान चलाया हुआ है। हम सीकर जिले में साइबर ठगों व किराए पर बैंक खाते लेने, धोखाधड़ी से खाते खुलवाने वालों के खिलाफ मामले दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर रहे हैं। वहीं शिकायत मिलते ही साइबर ठगों के खातों को तुरंत फ्रीज करवा रहे हैं।
Published on:
20 Sept 2025 12:22 pm
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