राजकुमार ने बॉलीवुड की एक फिल्म में ‘मशीनी मानव’ यानी रोबोट बनाने की तकनीक क्या देखी, बस रोबोट बनाने की ही ठान ली। मजदूरी कर जीवन यापन करने वाले परिवार से संबंध रखने वाले राजकुमार के सामने बड़ी परेशानी थी इसके लिए रुपए जुटाने की। उसने मेहनत मजदूरी से प्राप्त रुपए में से कुछ राशि बचाई और बना डाला 65 हजार रुपए की लागत से साढ़े चार फीट लंबा 45 किलो वजनी रोबोट।
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साइकिल, बाइक और कार की सामग्री की उपयोग
राजकुमार बताते हैं कि उन्होंने फिल्म में जब देखा कि रोबोट आसानी से काम कर सकता है तो मेहनत मजदूरी की राशि से रुपए बचाए। करीब साढ़े तीन वर्ष की अथक मेहनत के बाद 65 हजार रुपए खर्च कर बना दिया रोबोट।
साइकिल, बाइक और कार की सामग्री की उपयोग
राजकुमार बताते हैं कि उन्होंने फिल्म में जब देखा कि रोबोट आसानी से काम कर सकता है तो मेहनत मजदूरी की राशि से रुपए बचाए। करीब साढ़े तीन वर्ष की अथक मेहनत के बाद 65 हजार रुपए खर्च कर बना दिया रोबोट।
उन्होंने बताया कि उनका बनाया यह रोबोट छह गिलास, ट्रे और जग उठाने की क्षमता रखता है। इसमें पांच दिन का बैटरी बैकअप भी है। उसने पहले रोबोट का डिजाइन कागज पर उकेरा और बाद में इसे असली रूप दिया।
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रोबोट के अंग है स्वचालित
पांच दिन के बैटरी बैकअप वाले इस रोबोट के गर्दन और हाथ स्वचालित है तथा इसमें एक ऑटोमैटिक लिफ्ट पंप लगा है। लकड़ी के बने इस रोबोट में 12 वॉल्ट की आठ बैटरी है। इसमें रिमोट संचालित ऑटोमैटिक पानी की ट्रे भी लगी है। यह रॉबोट साढ़े चार फीट का है तथा इसका वजन 45 किलो है।
रोबोट के अंग है स्वचालित
पांच दिन के बैटरी बैकअप वाले इस रोबोट के गर्दन और हाथ स्वचालित है तथा इसमें एक ऑटोमैटिक लिफ्ट पंप लगा है। लकड़ी के बने इस रोबोट में 12 वॉल्ट की आठ बैटरी है। इसमें रिमोट संचालित ऑटोमैटिक पानी की ट्रे भी लगी है। यह रॉबोट साढ़े चार फीट का है तथा इसका वजन 45 किलो है।