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सहायक अभियंता पर बलात्कार का आरोप, पीडि़ता की रिपोर्ट दर्ज नही करने पर एसएचओ को किया सस्पेंड

Rape case बलात्कार पीडि़ता की रिपोर्ट दर्ज नही करने पर राज्यपाल (Governor) को दी शिकायत के बाद प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक (Superintendent of police) ने एसएचओ को सस्पेंड (SHO suspend) कर दिया।

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सहायक अभियंता पर बलात्कार का आरोप, पीडि़ता की रिपोर्ट दर्ज नही करने पर एसएचओ को किया सस्पेंड

टोंक. गंभीर मामलों में सरकार की ओर से दी जाने वाली सहायता राशि का हवाला देकर जिले के घाड़ थाना प्रभारी ने बलात्कार (Rape) जैसे संगीन मामले में पर्दा ड़ालने का प्रयास किया है। मामले की शिकायत एच्च स्तर पनर हुई तो पुलिस अधीक्षक ने बलात्कार पिडि़ता (Rape victim) को आरोपी से साढ़े तीन लाख रुपयों का चेक दिलाने वाले घाड़ थानाधिकारी को निलम्बित (Suspended) कर दिया। मामला बत 29 जून का है।

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मामले में पीडि़ता की ओर से घाड़ थाना पुलिस ने कार्रवाई नही की तो उसने राज्यपाल के समक्ष रिर्पोट पेश की । राज्यपाल के आदेश (Governor's orders) के बाद पीडि़ता ने शनिवार को पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट दी है। ये रिपोर्ट आने के बाद जिा पुलिस हरकत में आई ओर गम्भीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक आदर्श सिंधू ने घाड़ थाना प्रभारी गंगाराम ताखर को निलम्बित कर दिया। उसका मुख्यालय पुलिस लाईन (Police line) टोंक tonk रखा गया।

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रिपरोर्ट में बताया कि आरोपी विद्युत वितरण निगम (Power distribution corporation) दूनी के सहायक अभियंता (Assistant Engineer) मनोज कुमार वर्मा है। पीडि़ता ने आरोप लगाया कि गत 29 जून अलसुबह उसका पति कहीं काम पर गया था। इस दौरान वह बच्चों के साथ मकान में सो रही थी।

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इस दौरान आरोपी अभियंता आया और उसे उठाकर दूसरे कमरे में ले गया। जहां आरोपी ने महिला से बलात्कार किया। कुछ देर बाद लौटे पति को पीडि़ता ने सारी बात बताई। इस पर पति ने घाड़ थाने में फोन किया। कुछ देर बाद ही पुलिसकर्मी आ गए। वे पीडि़ता तथा उसके पति को थाने ले गया। जहां पुलिस ने पीडि़ता से पूरी बात जानी।

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सरकार तत्काल देती है सहायता
पीडि़ता ने पुलिस अधीक्षक को सौंपी रिपोर्ट में कहा कि जब वे थाने पहुंचे तो शाम 4 बजे तक उन्हे बैठाए रखा। पुलिस ने बलात्कार के सबूत मांगे। इसके बाद सहायक अभियंता को थाने में बुला लिया गया। पुलिस तथा सहायक अभियंता के बीच बातें हुई और अभियंता थाने से चला गया। कुछ देर बाद लौटा और कुछ कागज पुलिस को दे दिए।

इस पर पुलिसकर्मियों साढ़े तीन लाख रुपए का एक चेक पीडि़ता के पति को दिया और कहा कि ये चेक सरकार की ओर से पीडि़त को दिया जाता है। इसे ले लो और रिपोर्ट दे दो। साथ ही सबूत वाले कपड़े दे दो।

इस पर पीडि़ता घर गई और कपड़े पुलिस को दे दिए। घटना के कुछ दिन बाद ही सहायक अभियंता पति के काम करने वाले कारखाने में आया और एक लाख 35 हजार की वीसीआर भर गए।

जबकि लगातार पीडि़ता पुलिस थाने में बलात्कार के मामले की एफआईआर मांग रही थी, लेकिन पुलिस कार्रवाई जारी होने का हवाला देकर टालते रहे। इसके बाद उसने राज्यपाल के समक्ष फरियाद दी। बाद में पुलिस अधीक्षक को रिपोर्ट दी है।

लगातार सामने आ रहे हैं बलात्कार के मामले
गत 11 जुलाई को सवाईमाधोपुर जिले के दो जनों ने टोंक निवासी युवती से फोन पर दोस्ती की और गैंग रैप किया। इससे तीन दिन पहले 8 जुलाई रात सदर थाना क्षेत्र में दो जनों ने नाबालिग छात्रा के साथ बलात्कार किया। पहले निवाई सदर थाना क्षेत्र के एक गांव में भी नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया।

पीडि़ता ने पूर्व में कहासुनी होने का मामला दर्ज कराया था, जिसकी जांच जारी है। बलात्कार होने के बारे में जानकारी नहीं है।
गंगाराम ताखर, थानाधिकारी घाड़