राज्य में 21 मई से शुरू हुआ गुर्जर आरक्षण आंदोलन आठ दिन तक लोगों की परेशानी का सबब बना रहा। इस आंदोलन के पिछले इतिहास को देख कर ही इस बार भी सरकार को अग्निपरीक्षा से गुजरना पड़ा। इस बार बिना खून खराबे के सरकार ने गुर्जरों से समझौता कर लोगों की राह को फिर से आसान बनाया। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने भी माना कि उनके आंदोलन से लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। बैंसला ने कहा कि सात-आठ साल से गुर्जर आंदोलन की वजह से जनता को जो परेशानी हुई उसके लिए मैं माफी मांगता हूं। जनता पिछले आठ दिन से भी परेशान थी। समझौते से उन्होंने उम्मीद जताई कि अब गुर्जरों को पांच फीसद विशेष आरक्षण मिल जाएगा। दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग और जयपुर-आगरा जैसे महत्त्वपूर्ण नेशनल हाइवे के साथ ही आंदोलनकारियों ने कई सड़क मार्गों पर कब्जा कर जाम लगा दिया था। इससे पूर्वी राजस्थान के आधा दर्जन जिलों की जनता को भारी मुसीबतों का सामना करना पड़ा।
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