
Bangladesh Ajay Bhutoria.
US NRI Leader Ajay Bhutoria: एम आई ज़ाहिर/ बांग्लादेश में हिंदुओं पर हिंसा, उन पर हमले और हत्याएं न केवल परेशान करने वाली हैं, बल्कि अस्वीकार्य हैं। हिंदुओं पर अत्याचार बंद किए जाएं और इस्कॉन बांग्लादेश के पुजारी चिन्मय कृष्णदास को रिहा किया जाए। अमेरिका व्हाइट हाउस के सलाहकार इंडो अमेरिकन कम्युनिटी लीडर अजय भुटोरिया ने सीधे न्यूयॉर्क से Patrika.com से एक मुलाकात में यह बात कही। प्रवासी भारतीय अजय भुटोरिया (Ajay Bhutoria) ने कहा कि इस अन्यायपूर्ण कार्रवाई की निंदा और बांग्लादेश के धर्म गुरु की तत्काल रिहाई करें। इसके अलावा, बांग्लादेशी सरकार की ओर से इस्कॉन को 'आतंकवादी संगठन' के रूप में लेबल करना बहुत परेशान करने वाला है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसकी निंदा करे।
उन्होंने कहा कि मैंने इन चिंताओं को व्यक्तिगत रूप से अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों के समक्ष उठाया है, जो दक्षिण और मध्य एशिया के मामले देखते हैं। आज यह बहुत जरूरी है कि अमेरिका, भारत और संयुक्त राष्ट्र बांग्लादेश में हिंदुओं के अधिकारों की रक्षा के लिए समन्वित कार्रवाई करें, बांग्लादेशी सरकार को जवाबदेह बनाएं और गलत तरीके से कैद किए गए लोगों की रिहाई सुनिश्चित करें।
भुटोरिया ने कहा कि यह मुद्दा भारतीय-अमेरिकी समुदाय के कई लोगों के दिल के करीब है। पिछले अमेरिकी चुनाव में, बड़ी संख्या में भारतीय-अमेरिकियों ने राष्ट्रपति ट्रंप को वोट दिया था, और उनके समर्थन का एक प्रमुख कारण बांग्लादेश में हिंदुओं की दुर्दशा और कनाडा सहित विश्व स्तर पर हिंदुओं की ओर से सामना किया जाने वाला भेदभाव था।
उन्होंने कहा कि अब, पहले से कहीं अधिक, यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी आवाज़ उठाएं और बांग्लादेश में सताए गए हिंदुओं के लिए न्याय और चिन्मय कृष्णदास की तत्काल रिहाई की मांग के लिए एकजुट हों। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सभी अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों और सम्मान की रक्षा के लिए एक साथ आना चाहिए।"
भुटोरिया ने कहा कि हम बांग्लादेश सरकार से धार्मिक स्वतंत्रता बरकरार रखते हुए और उनके पूजा स्थलों की रक्षा कर के हिंदुओं, बौद्धों, ईसाइयों और अन्य सहित सभी अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा करने का भी आह्वान करते हैं। गौरतलब है कि एक बांग्लादेशी हिंदू धर्म गुूरु और सामुदायिक नेता चिन्मय कृष्णदास प्रभु बांग्लादेश सनातन जागरण मंच के प्रवक्ता हैं। उन्हें 25 नवंबर 2024 को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया, इस कारण उनके अनुयायियों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किया और भारत से कई कूटनीतिक प्रतिक्रियाएं आईं।
Updated on:
09 Dec 2024 12:12 pm
Published on:
08 Dec 2024 01:08 pm
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