
अजमेर में भारी बारिश (फोटो: पत्रिका)
Ajmer Weather Update: अजमेर के इतिहास में 18 जुलाई 1975 कभी न भूलने वाला दिन है। एक दिन में अजमेर में करीब 750 मिलीमीटर से ज्यादा बरसात ने जबरदस्त तबाही मचाई थी। उसके ठीक 50 साल बाद 18 जुलाई 2025 को हुई ताबड़तोड़ बरसात से कुछ वैसा ही मंजर दिखाई दिया। तब बाढ़ का मंजर देख चुके लोगों ने अपनी याद्दाश्त तरोताजा की।
भारी बारिश से भर गया पानी (फोटो: पत्रिका)
घनघोर घटाएं शुक्रवार सुबह और शाम शहर में ताबड़तोड़ बरसीं। जगह-जगह सड़कों-चौराहों पर पानी उफन पड़ा। निचली बस्तियों, गलियों, घरों और दुकानों में चार से पांच फीट पानी भर गया। लोगों के फर्नीचर, अनाज और इलेक्ट्रिक सामान पानी में खराब हो गए। सिंचाई विभाग ने शाम 5.30 बजे खत्म हुए चौबीस घंटे में 94 मिलीमीटर ( पौने चार इंच) और मौसम विभाग ने 99.9 मिलीमीटर बरसात दर्ज की। इसके बाद भी तेज बौछारों और फुहारों का दौर चला।
अजमेर के नला बाजार में पानी में बहता हुआ एक युवक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अजमेर के कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। इसी बीच बाजार में एक युवक अचानक तेज बहाव वाले पानी में बह गया। जिसे लोग हाथ देकर बचाते नजर आए।
अजमेर में बाढ़ जैसे हालात (फोटो: पत्रिका)
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, सावित्री चौराहा, रोडवेज बस स्टैंड, मेयो लिंक रोड, राजा साइकिल, सिविल लाइंस क्षेत्र में तरणताल बन गए। बजरंगगढ़ चौराहा, अलवर गेट, शास्त्री नगर, पंचशील, केसरगंज, मदन गोपाल मार्ग, रामगंज, सम्राट अशोक उद्यान-जयपुर रोड पर यही हाल दिखा। वन विहार, शिव विहार, साहू का कुआं, बधिर विद्यालय के पीछे और झरनेश्वर मंदिर और तारागढ़ पहाड़ी क्षेत्र से जबरदस्त पानी उफना।
घरों में भर गया पानी (फोटो: पत्रिका)
बरसात से बांडी नदी जबरदस्त उफनी। पुष्कर रोड-रीजनल कॉलेज, गौरव पथ पर पानी भर गया। श्रमजीवी कॉलेज, चौधरी कॉलोनी, आनासागर घाटी-लिंक रोड, सुभाष उद्यान के सामने, माकड़वाली रोड, नेहरू अस्पताल रोड, सिविल लाइंस इलाके में पानी का रेला बहता रहा। अलवर गेट, नौ नम्बर पेट्रोल पम्प, सेंट पॉल्स स्कूल, मेयो कॉलेज और अन्य क्षेत्रों में सड़कें पानी में डूब गई। मार्टिंडल ब्रिज की तीसरी भुजा के नीचे, स्टेशन रोड-मदार गेट, क्लाक टॉवर से गांधी भवन, घूघरा घाटी और आसपास के इलाकों में भी यही हाल हुआ। कई नाले उफन पड़े।
घुटनों तक भरा पानी (फोटो: पत्रिका)
आनासागर का गेज 12.7 फीट होते ही सिंचाई विभाग ने 3 चैनल गेट तीन-तीन इंच खोल दिए। इससे पानी एस्केप चैनल से तोपदड़ा होता हुआ खानपुरा और आगे पहुंचा।
डूब गई पटरियां (फोटो: पत्रिका)
नगर निगम के एडिशनल चीफ इंजीनियर प्रेम शंकर ने बताया कि सुनहरी कॉलोनी, आम का तालाब, नारी शाला रोड, पालबीचला में मड पम्प लगाए हैं। बांडी नदी से सटी मोती विहार, कृष्णा विहार कॉलोनी में जलस्तर बढ़ने पर बांडी नदी से सटी दीवार तोड़ी गई। इससे जल निकासी हुई। कई जगह दीवार गिरने की घटना भी हुई है।उधर देर रात तक बरसात के चलते साहू का कुआं, वन-विहार कॉलोनी में जलभराव के चलते एसडीआरएफ की टीम मौके पहुंची।
अधिकारियों ने लिया जायजा (फोटो: पत्रिका)
तब सुबह 6-7 बजे से ताबड़तोड़ बरसात शुरू हुई। लगातार 8 घंटे पानी बरसा। कचहरी रोड, जयपुर रोड, ब्रह्मपुरी-हाथीभाटा में 10-10 फीट पानी भर गया था। घरों में हालात विकट थे। रजाई-गद्दे, घरेलू सामान सब पानी में भीग गया। आनासागर लिंक रोड पर तब सिर्फ पानी ही पानी भरा दिखा। बाढ़ के कारण शहर में नावें चलानी पड़ी थीं। वैशाली नगर-जनता कॉलोनी की तरफ तो हाउसिंग बोर्ड के मकान महीनों तक खाली रहे थे।
अम्बे प्रसाद माथुर
SDRF टीम (फोटो: पत्रिका)
वो पुराना मंजर नहीं भूल सकते। तब ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का उर्स चल रहा था। पुरानी विश्राम स्थली पानी में डूब गई थी। हमने जायरीन को धर्मशाला और घरों में रुकवाया था। मैंने जिंदगी में पहली बार आनासागर बारादरी के ऊपर से पानी बहता देखा। दरगाह बाजार, नला बाजार, स्टेशन रोड, कचहरी रोड तक घुटनों तक पानी भर गया था। दो-तीन साल तक कई इलाके पानी में डूबे रहे थे। उसके बाद 18 जुलाई 2025 को ऐसी बारिश देखी है।
सैयद वाहिद हुसैन अंगारा शाह
Updated on:
19 Jul 2025 02:33 pm
Published on:
19 Jul 2025 10:26 am
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