आयोग की मानें तो जंची हुई कॉपियों-ओएमआर शीट का कई अभ्यर्थी (aspirants) और संस्थान (institute) दुरुपयोग करते हैं। खासतौर पर पर उत्तर कुंजियों (answer key) को अदालत (courts) में चुनौती देने में इनका इस्तेमाल होता है। कई अभ्यर्थी परीक्षा में अनुत्तीर्ण (failed aspirnats) होने के बावजूद पास होने वाले अभ्यर्थी की कॉपी-ओएमआर शीट की प्रति मांगते हैं। वे उत्तरों की समीक्षा का तर्क देते हैं। लेकिन इनका ज्यादातर उपयोग कोर्ट केस में होता है।
राजस्थान लोक सेवा आयोग अभ्यर्थियों को कॉपियों और ओएमआर शीट की प्रति देने संबधित प्रक्रिया में बदलाव कर सकता है। आयोग संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तर्ज पर कुछ परीक्षाओं में कॉपी नहीं देने और नियमों में संशोधन करने का इच्छुक है। सचिव के. के. शर्मा (rpsc Seceratory) के अनुसार राज्य सरकार जन सूचना डिजिटल पोर्टल (rajasthan jan suhna portal) लॉन्च कर चुकी है। आयोग को भी इस पोर्टल से जोडऩे की योजना है। भविष्य में आरटीआई से प्राप्त की जाने वाली अधिकांश सूचनाएं रहेंगी। जिनमें कट ऑफ माक्र्स, उत्तर कुंजी, प्रतियोगी परीक्षा के बाद मॉडल प्रश्न पत्र, पद-वर्गीकरण, अंक विभाजन और अन्य सूचनाएं शामिल होंगी।
संघ लोक सेवा आयोग (union public service commission) कई भर्तियों में कॉपियों-ओएमआर शीट की प्रतियां उपलब्ध नहीं कराता है। कई परीक्षाओं के कट ऑफ माक्र्स (cutt of marks) भी जारी नहीं किए जाते हैं। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा एक प्रतियोगी परीक्षा में कॉपी की फोटो प्रति मुहैया कराने पर मामला सुप्रीम कोर्ट (supreme court of india) पहुंच गया था। सर्वोच्च न्यायालय ने भी गोपनीयता के लिहाज से इसे गंभीर माना था।