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MDSU: फिर भागना पड़ेगा राजभवन, वरना नहीं हो पाएंगे एग्जाम

locationअजमेरPublished: Sep 06, 2019 08:28:12 am

Submitted by:

raktim tiwari

हां ना कुलपति ना डीन कमेटी कार्यरत है। ऐसे में औपचारिक मंजूरी के लिए राजभवन को पत्रावली भेजनी पड़ सकती है।

dean committee in mdsu

dean committee in mdsu

अजमेर.

सेमेस्टर (semester) और पूरक परीक्षाओं (supplemeatary exam) के टाइम टेबल को लेकर महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय (mdsu ajmer) को फिर राजभवन (Raj bhawan) जाना पड़ सकता है। दरअसल यहां ना कुलपति (vice chancellor) ना डीन कमेटी (dean committee) कार्यरत है। ऐसे में औपचारिक मंजूरी के लिए राजभवन को पत्रावली भेजनी पड़ सकती है।
विश्वविद्यालय की बीए, बी.कॉम, बीएससी (पास/ऑनर्स), बीपीएड, बीएससी गृह विज्ञान, बीएससी/बीए बीएड, बीसीए और अन्य कक्षाओं के विद्यार्थियों को अनुत्तीर्ण (failed)-कम नंबर (low marks)आने पर पूरक योग्य (supplemenatary) घोषित किया गया है। ऐसे विद्यार्थियों से पूरक परीक्षा फार्म भरवाए जा रहे हैं। इसके अलावा कई सेमेस्टर परीक्षाएं (semester exam) भी होनी हैं। इनकी परीक्षाएं जल्द कराई जानी हैं।
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जाना पड़ेगा राजभवन

कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह (R.P. Singh) के कामकाज पर रोक लगने से इस बार विश्वविद्यालय (university) के समक्ष पेचीदा स्थिति बनी हुई है। वार्षिक परीक्षा (annual exams) की तरह पूरक और सेमेस्टर परीक्षाओं के टाइम टेबल, पेपर प्रिंटिंग और अन्य कार्य के लिए विश्वविद्यालय को राजभवन (governor house) से मंजूरी लेनी पड़ सकती है। मालूम हो कि राजभवन द्वारा गठित डीन कमेटी (dean committee) का कामकाज छात्रसंघ चुनाव (student union election 2019) तक सीमित था।
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विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर किया छात्रों ने कब्जा

विश्वविद्यालय का मुख्य द्वार (main gate) एक घंटे छात्र-छात्राओं के कब्जे में रहा। विद्यार्थियों में 31 जुलाई के बाद प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को खेलकूद प्रतियोगिताओं (sports activity) में भाग नहीं लेने के नियम पर नाराजगी दिखी। उन्होंने विश्वविद्यालय खेल बोर्ड सचिव के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन किया। दयानंद कॉलेज छात्रसंघ अध्यक्ष सीताराम चौधरी, पूर्व विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष लोकेश गोदारा सहित अन्य विद्यार्थियों ने प्रवेश द्वार पर कब्जा जमा लिया। छात्र-छात्राएं मुख्य द्वार पर बैठ गए। उन्होंने खेल बोर्ड सचिव और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी और प्रदर्शन किया। सूचना मिलने पर चीफ प्रोक्टर प्रो. सुब्रतो दत्ता मौके पर पहुंचे।
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यह है मुद्दा

छात्रसंघ अध्यक्ष सीताराम ने बताया कि खेल बोर्ड (sports board) ने 31 जुलाई के बाद कॉलेज में प्रवेश (admission)लेने वाले विद्यार्थियों पर खेलकूद गतिविधियों में भाग नहीं लेने का नियम लागू किया है। यह पूर्व तरह असंवैधानिक है। एक तरह विश्वविद्यालय की सालाना परीक्षाएं (annual exam) देरी से हुई हैं। अब तक कई परिणाम बकाया (results awaited)हैं। इनमें बीपीएड और अन्य परिणाम शामिल हैं। कई निजी कॉलेज में विद्यार्थी 31 जुलाई तक कॉलेज में प्रवेश नहीं ले पाए हैं।
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