अलसुबह हवा (cool breeze)चलने से कुछ सुकून रहा। बाद में धूप निकलने के साथ मौसम (weather) में उमस और गर्मी बढ़ गई। तीखी धूप ने लोगों को जमकर परेशान किया। पिछले दस दिन से तापमान में उतार-चढ़ाव बना हुआ है। इन दिनों दोपहर में सडक़ों (roads)पर भी खास रौनक नहीं दिख रही है। आसमान में बादलों (clouds)की छिटपुट टुकडिय़ां दिखती हैं पर बरसात नहीं हो रही है। न्यूनतम तापमान फिलहाल 25.7 डिग्री तक कायम है।
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7 सितंबर को झमाझम बरसात (heavy rain in ajmer) ने शहर और जिले के कई हिस्सों को भिगोया था। इसके बाद 11 दिन से मानसून की सुस्ती कायम है। इसके चलते पारे का ग्राफ फिर बढ़ गया है। आसोज में सूरज तमतमा रहा है। इससे पारे में तीन डिग्री की बढ़ोतरी हो गई है। सिंचाई विभाग ने 1 जून से अब तक जिले में 900 और मौसम विभाग ने 825 मिली मीटर बरसात (barsat) दर्ज की है। जबकि औसत बारिश 550 मिलीमीटर है।
7 सितंबर को झमाझम बरसात (heavy rain in ajmer) ने शहर और जिले के कई हिस्सों को भिगोया था। इसके बाद 11 दिन से मानसून की सुस्ती कायम है। इसके चलते पारे का ग्राफ फिर बढ़ गया है। आसोज में सूरज तमतमा रहा है। इससे पारे में तीन डिग्री की बढ़ोतरी हो गई है। सिंचाई विभाग ने 1 जून से अब तक जिले में 900 और मौसम विभाग ने 825 मिली मीटर बरसात (barsat) दर्ज की है। जबकि औसत बारिश 550 मिलीमीटर है।
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जिले में मानसून की सक्रियता (monsoon in india) 1 जून से 30 सितंबर तक रहती है। इस दौरान सितंबर के दूसरे पखवाड़ से सूरज की प्रचंडता बढ़ जाती है। प्रतिवर्ष अक्टूबर तक मई-जून जैसी गर्मी (hot weather)का एहसास होता है। पिछले पांच साल में तो इस दौरान तापमान 40 से 43 डिग्री तक पहुंच चुका है।
जिले में मानसून की सक्रियता (monsoon in india) 1 जून से 30 सितंबर तक रहती है। इस दौरान सितंबर के दूसरे पखवाड़ से सूरज की प्रचंडता बढ़ जाती है। प्रतिवर्ष अक्टूबर तक मई-जून जैसी गर्मी (hot weather)का एहसास होता है। पिछले पांच साल में तो इस दौरान तापमान 40 से 43 डिग्री तक पहुंच चुका है।