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कुंडली में राहु किस ग्रह के साथ मिलकर बनाता है कैसे योग, कैसे जानें यह शुभ है या अशुभ?

How to define Symptoms and Remedies of Rahu Auspicious or not: राहु के संबंध में कहा जाता है कि यह ग्रह कुंडली में स्थित सभी 12 भावों पर कई तरह से प्रभाव डालता है। पत्रिका.कॉम के इस लेख में उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. अमर अभिमन्यु डब्बावाला आपको बता रहे हैं कुंडली में नव ग्रहों के साथ कैसा असर दिखाता है राहु, बनाता है कैसे योग...?

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Sanjana Kumar

May 26, 2023

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How to define Symptoms and Remedies of Rahu Auspicious or not: ज्योतिष शास्त्र में राहु को क्रूर और पापी ग्रह कहा जाता है। शनि के जैसे ही राहु का नाम सुनते ही लोग डरने लगते हैं। कतराने लगते हैं। जिस तरह सूर्य या चंद्रमा और अन्य ग्रह पूरी ह्यूमेनिटी पर असर डालते हैं, ठीक वैसे ही राहु का असर भी लोगों के जीवन पर शुभ या अशुभ रूप से नजर आता है। राहु के संबंध में कहा जाता है कि यह ग्रह कुंडली में स्थित सभी 12 भावों पर कई तरह से प्रभाव डालता है। पत्रिका.कॉम के इस लेख में उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. अमर अभिमन्यु डब्बावाला आपको बता रहे हैं कुंडली में नव ग्रहों के साथ कैसा असर दिखाता है राहु, बनाता है कैसे योग...?

ज्योतिषाचार्य का कहना है कि राहु के प्रभाव से हमारा जीवन बहुत ही तेजी से प्रभावित होता है। यह एक क्रूर ग्रह है, लेकिन किसी की कुंडली में यह मजबूत हो, तो शुभ यानी बेहतर परिणाम देता है। वहीं कमजोर हो तो अशुभ यानी बुरे या खराब परिणाम दिखाता है। ज्योतिष में राहु ग्रह को कठोर वाणी, जुआ, यात्राएं, चोरी, दुष्ट कर्म, त्वचा रोग, धार्मिक यात्राएं आदि का कारक ग्रह माना गया है। जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में राहु अशुभ स्थान पर बैठा हो या पीडि़त हो तो, यह व्यक्ति को इसके नेगेटिव रिजल्ट दिखाता है। ज्योतिष में राहु ग्रह को किसी भी राशि का स्वामी नहीं माना गया है। लेकिन यह मिथुन राशि में उच्च का और धनु राशि में नीच का माना जाता है।

4 नक्षत्रों का स्वामी है राहु
27 नक्षत्रों में राहु, आद्रा, स्वाति और शतभिषा इन 4 नक्षत्रों का स्वामी है। ज्योतिष में राहु ग्रह को एक छाया ग्रह कहा जाता है। राहु का रत्न गोमेद है, लेकिन इसे कभी भी बिना किसी एक्सपर्ट की सलाह से नहीं पहनना चाहिए।

लग्न भाव में राहु
जिस व्यक्ति की जन्म कुंडली में स्थित लग्न भाव में राहु होता है, वह व्यक्ति सुंदर और अट्रेक्टिव पर्सनालिटी का होता है। वह साहसिक कार्यों से पीछे नहीं हटता है। लग्न का राहु व्यक्ति को समाज में प्रभावशाली बनाता है। वहीं इसके प्रभाव बहुत हद तक लग्न में स्थित राशि पर ही डिपेंड करते हैं। इसके अलावा ज्योतिष में लग्न का राहु व्यक्ति के वैवाहिक जीवन के लिए अनुकूल नहीं माना जाता है।

ऐसे समझें राहु को..
ज्योतिष में राहु को बुरा और अशुभ ग्रह माना गया है। लोग राहु का नाम सुनते ही परेशान हो जाते हैं। कुंडली में राहु का असर होने से बीमारियां, परेशानियां और असफलता पीछे लग जाती है।

यहां जानें किस ग्रह के साथ दिखाता है कैसा असर

राहु और केतु
राहु यदि केतु के साथ योग करता है, तो कालसर्प योग निर्माण करता है। ऐसी स्थिति तब बनती है जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में स्थित हों। यही कालसर्प योग माना जाता है।

राहु और शुक्र
राहु ग्रह के साथ शुक्र हो तो ऐसी कुंडली वाले व्यक्ति गलत संगत और आदतों का शिकार हो जाते हैं। व्यक्ति का नैतिक पतन होने लगता है। वह अधर्म के मार्ग पर चलने लगता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि राहु वैभव और ऐश्वर्य के दाता शुक्र को कमजोर कर देता है।

राहु और मंगल
राहु जब मंगल के सााि कुंडली में बैठता है, तो यह अंगारक योग बनाता है। यह योग व्यक्ति के भाई के लिए अशुभ रहता है। खून से संबंधित समस्या हो सकती है। वहीं यह भी माना जाता है कि राहु और मंगल दोनों साथ होते हैं तो, ये एक दूसरे को ही अस्त कर देते हैं।

राहु और गुरु
कुंडली में राहु और गुरु का योग होने से मिश्रित यानी शुभ और अशुभ दोनों परिणाम मिलते हैं। इस योग से व्यक्ति लंबी आयु तक जीवित रहता है, लेकिन इनके जीवन में परेशानियां हमेशा बनी रहती हैं।

राहु और शनि
कुंडली में अगर शनि के साथ राहु बैठता है, तो ऐसा व्यक्ति रहस्यमयी और चालाक होता है। ऐसे लोग गलत तरीके से बहुत अधिक पैसा कमाते हैं।

राहु और सूर्य
इस योग का प्रभाव बहुत ही अशुभ होता है। पिता पुत्र में विवाद रहता है और परेशानियां आती हैं। वहीं राहु ही सूर्य का ग्रास भी करता है।

राहु और चंद्र
इस योग के कारण व्यक्ति को मानसिक परेशानी आती हैं। व्यक्तिसबसे ज्यादा तनाव ग्रस्त रहता है।

राहु और बुध
राहु के इस योग से व्यक्ति को सिर से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं।

राहु के अशुभ प्रभाव

कुंडली में राहु अशुभ हो तो देता है ऐसे परिणाम...

1- राहु के अशुभ असर से व्यक्ति को अपमान का झेलना पड़ता है।
2- राहु के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति को किसी भी काम में सफलता नहीं मिलती।
3 - जब कुंडली में राहु अशुभ होता है, तो व्यक्ति नशे का आदी हो जाता है।
4 - राहु राजनीति में ले तो जाता है लेकिन, बदनामी का कारण भी यही बनता है।
5- अशुभ राहु के प्रभाव से व्यक्ति के व्यवहार और नैतिकता में लगातार गिरावट आती है।

राहु खराब या पीड़ित होने के यह हैं लक्षण!...

- अगर आपकी कुंडली में राहु दोष है तो, यह आपको बुरे प्रभाव देगा। लेकिन समस्या यह है कि आप कैसे पहचानेंगे कि राहु दोष है या नहीं। यहां जानें आपकी कुंडली में राहु दोष है या नहीं...

- अगर आपके घर-परिवार में बिना किसी वजह के ही कलह होती है, हर काम बनते-बनते बिगड़ जाते हैं, शत्रु बिना बात परेशान करें, आपकी सेहत ठीक न रहें या फिर आपका सम्मान कोई न करे तो, समझ लीजिए कि आपका कोई ग्रह खराब है।

लक्षण (Symptoms)
1. अगर आपकी कुंडली में राहु दोष है तो, आपको मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, स्वयं को लेकर गलतफहमी, आपसी तालमेल में कमी, बात-बात पर आपा खोना, वाणी का कठोर होना और अपशब्द बोलना। साथ ही अगर आपकी कुंडली में राहु की स्थिति अशुभ हो तो आपके हाथ के नाखून अपने आप टूटने लगते हैं। बाल झडऩे लगते हैं।

2. इसके अलावा वाहन दुर्घटना, पेट में कोई समस्या, सिर में दर्द होना, भोजन में बाल दिखना, अपयश, संबंध खराब होना, दिमागी संतुलन ठीक नहीं रहता है।

राहु के कारण होने वाली बीमारियां
- गैस की परेशानी
- बाल झडऩा
- पेट संबंधी रोग
- बवासीर
- पागलपन
- यक्ष्मा रोग
- निरंतर मानसिक तनाव
- लगातार सिरदर्द
- व्यक्ति पागल खाने, दवाखाने या जेलखाने तक जा सकता है।
- कोई बड़ी बीमारी या मृत्यु तक हो सकती है।

अगर आप इन समस्याओं से परेशान हैं तो, इन उपायों को जरूर ट्राय करें, इनसे राहु शांत होता है।
राहु के उपाय
- राहु के बीजमंत्र 'ऊं भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:' का 18000 बार जप करें।
- अपने घर के पूजा-स्थल में राहु यंत्र रखें, विधि-विधान से रोज उसकी पूजा करें।
- शनिवार के दिन व्रत करें।
- इस दिन कौए को मीठी रोटी खिलाएं।
- ब्राह्मणों और गरीबों को चावल खिलाएं।
- राहु की दशा होने पर कुष्ठ रोगी की सहायता करें।
- गरीब व्यक्ति की कन्या की शादी में मदद करें।
- सोते समय अपने सिरहाने जौ रखें और सुबह इनका दान कर दें।
- माता सरस्वती की पूजा करें।
- हर दिन 'ऊं ऐं सरस्वतयै नम:' मंत्र का 108 बार जाप करें।
- तांबे के बर्तन में गुड़, गेहूं भरकर बहते जल में प्रवाहित करें।
- माता सरस्वती के चरणों में 6 दिन लगातार नीलें रंग के फूलों की माला चढ़ाएं।
- राहु से बचने लहसुन, प्याज और मसूर न खाएं।
- भगवान भैरव के मंदिर में रविवार को तेल का दीपक जलाएं।
- हर सोमवार शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।
- शराब का सेवन न करें।
- हनुमान और सरस्वती की पूजा करें।
- बजरंग बाण या हनुमान चालीसा का प्रतिदिन पाठ करें।
- किसी हनुमान मंदिर में तिल और जौ का दान करें।
- सिर में चोटी वाले स्थान पर बाल बांधकर रखें।
- ससुराल पक्ष से अच्छे संबंध रखें।

ये भी हैं कुछ खास तरीके
1. ऊं रां राहवे नम: प्रतिदिन एक माला जपें।
2. नौ रत्ती का गोमेद पंचधातु अथवा लोहे की अंगूठी में जड़वा लें। शनिवार को राहु के बीज मंत्र से अंगूठी अभिमंत्रित करके दाएं हाथ की मध्यमा अंगुली में धारण कर लें।
3. दुर्गा चालीसा का पाठ करें।
4. पक्षियों को प्रतिदिन बाजरा खिलाएं।
5. सप्तधान्य का दान समय-समय पर करते रहें।
6. एक नारियल, ग्यारह साबुत बादाम, काले वस्त्र में बांधकर बहते जल में प्रवाहित करें।
7. शिवलिंग पर जलाभिषेक करें।
8. अपने घर के नैऋत्य कोण में पीले रंग के फूल अवश्य लगाएं।
9. तामसिक आहार व मदिरापान बिल्कुल न करें।
10. ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ऊं ग्लौ हुं क्लीं जूं स: ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल, ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।। इस मंत्र को विशुद्ध उच्चारण के साथ तेज स्वर में पूरी राहु की दशा के दौरान करें।

लेकिन राहु शुभ हो तो देता है दुनिया भर की खुशियां
1- व्यक्ति की कुंडली में राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति बहुत ही सम्मान पाता है। हाजिरजवाबी के लिए जाना जाता है।
2- राहु के शुभ होने पर जातक विदेशों की यात्राएं करता है।
3- कुंडली में राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति को राजनीति में बहुत ही ऊंचा मुकाम मिलता है।
4- राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति बहुत ज्यादा मेहनत करने के बाद भी नहीं थकता।
5- राहु के शुभ प्रभाव से व्यक्ति अचानक से धन लाभ प्राप्त करता है।

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