31मई 2018, वो महज मेरा बेटा ही नहीं बल्कि मेरे कलेजे का टुकड़ा भी था। उसे देखकर ही मैं जिंदा रहता था। लेकिन मेरे अपने सगे बेटे शम्भू ने ही उसका अपहरण कर लिया और घटना के बाद से वह गायब हो गया है। मेरे बेटे को पकड़कर जेल में बन्द कर दीजिए। पुलिस थाने में ड्यूटी में तैनात अफसर के सामने इतना कहते हुए उनकी आंखों में पानी आ गए।
मानवीय संवेदना से भरी यह कहानी है इस्पात नगरी के बीएसपी सेक्टर-वन 1 के रहने वाले छोटे लाल की। छोटे लाल ने बड़े लाड़ प्यार से उस मुर्गे को पाला था। दो साल से उसे मुर्गे से दिल्लगी हो गई थी। प्यार इतना अटूट की, वो मुर्गा इंसानी भाषा भी समझने लगा था। वह अपने मालिक की बातों को इंसानों की तरह समझकर किसी आदेश/निर्देश की तरह पालन करता था। अपने बेटे से भी बढ़कर उस मुर्गे को छोटे लाल ने प्यार दिया था, लेकिन उसका शराबी बेटा घर से पांच हजार रुपए नकद और उस जिगर के टुकड़े मुर्गे को लेकर चंपत हो गया है। जी हां, फरार।