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जनता कर्फ्यू और आम कर्फ्यू में क्या अंतर है? यहां जानें सबकुछ

इस कर्फ्यू को जनता के लिए फायदेमंद बताया जा रहा है। ऐसे में कई लोगों के मन में कल लगने वाले कर्फ्यू को लेकर काफी असमंजस है। आइये जानते हैं जनता कर्फ्यू और आम कर्फ्यू के बारे में सबकुछ...।

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जनता कर्फ्यू और आम कर्फ्यू में क्या अंतर है? यहां जानें सबकुछ

भोपाल/ कोरोना वायरस के वैश्विक संकट का असर भारत पर भी पड़ता जा रहा है। देश में अब तक 250 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। जबलपुर में शुक्रवार रात 4 संक्रमितों के सामने आने के बाद प्रदेश में कोरोना की एंट्री हो गई है। बता दें कि, इससे एक दिन पहले यानी गुरुवार को ही प्रधानमंत्री मोदी ने देश की जनता से रविवार 22 मार्च को 'जनता कर्फ्यू' लगाने की अपील की है। इस कर्फ्यू को जनता के लिए फायदेमंद बताया जा रहा है। ऐसे में कई लोगों के मन में कल लगने वाले कर्फ्यू को लेकर काफी असमंजस है। जैसे जनता कर्फ्यू क्या है? क्या ये आम कर्फ्यू की ही तरह है? क्या इसका सिटी लॉकडाउन से कुछ लेना-देना है? जनता कर्फ्यू लगने से पहले हम इसके बारे में जान लेते हैं।

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क्या है जनता कर्फ्यू ये कब लगेगा?

जहां कर्फ्यू लगता है, वहां के लोगों को अपने घरों में सीमित रहना होता है। कर्फ्यू खुलने की स्थिति में कुछ सीमित समय के लिए वो भी बेहद जरूरी काम से बाहर निकला जाता है। लेकिन, यानी जनता कर्फ्यू के दौरान लोगों से कोरोना वायरस जैसे वैश्विक संकट से निपटने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा जनता से जनता के फायदे के लिए घर से बाहर न निकलने की अपील की गई है। ऐसी स्थिति में देश के सभी लोगों को जिम्मेदार नागरिक का संदेश देते हुए तय समय में घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए। बेहद जरूरी काम के लिए ही घर से बाहर निकलना चाहिए। जनता कर्फ्यू रविवार यानी 22 मार्च, 2020 को सुबह 7 बजे शुरू हो जाएगा, जो रात के 9 बजे तक जारी रहेगा।

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क्यों लगाया जाएगा जनता कर्फ्यू?

देश कोरोनावायरस लगातार बढ़ते खतरे को मद्दे नजर रखते हुए प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देशवासियों से जनता कर्फ्यू लगाने की अपील की गई है। इसका कारण ये है कि, अब तक इस खतरनाक संक्रमण से बचने का कोई पर्याप्त या स्पष्ट इलाज खोजा नहीं जा सका है। ऐसी स्थिति में इस संक्रमण से बचने का सबसे बेहतर विकल्प सतर्कता ही है। क्योंकि, ये संक्रमण लोगों के एक दूसरे से संपर्क में आने से फैल रहा है। अगर हम एक दिन अपने कामों और घर से बाहर निकलने का बलिदान दे देते हैं, तो इससे तेजी से फैलते संक्रमण पर ब्रैक लगेगा। इसलिए लोग अगर घर से बाहर नहीं निकलते तो वो किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आएंगे।और खुद संक्रमित होने से बचेंगे। जनता कर्फ्यू का उद्देश्य लोगों में इस तेजी से फैलते संक्रमण के प्रति सतर्कता लाना है। जब तक हम खुद अवेयर नहीं होंगे तब तक इस तेजी से फैलते संक्रमण को नहीं हराया जा सकता।

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किन लोगों पर है कोरोना का सबसे अधिक खतरा?

जिस तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण पूरे विश्व में फैलता जा रहा है। उसी तेजी से बड़ी संख्या में विश्वभर के चिक्त्सक और वैज्ञानिक कोरोना से लड़ने के विकल्प खोजने में जुटे हुए हैं। जैसे ही इस संक्रमण की पर्याप्त दवा बन जाएगी, इससे निपटना बेहद आसान हो जाएगा, लेकिन जब तक ये नहीं बनती, तब तक सावधानी ही हमें और हमारे परिवार को बचा सकती है। कोरोना बुजुर्गों, बच्चों और कमजोर इम्यून सिस्टम वाे लोगों के लिए अधिक खतरनाक है। इसके अलावा एक रिसर्च में ये भी सामने आया है कि, इस संक्रमण का अधिक असर 'A'ब्लड ग्रुप वाले लोगों पर सबसे अधिक हुआ है।

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जनता कर्फ्यू के दिन क्या खास अनुरोध किया गया है?

एक तरफ प्रधानमंत्री ने देश के सभी लोगों से अपने कामों का त्याग देकर समाज सेवा करते हुए अपने घरों में रहने की अपील की है। साथ ही, एक खास इपील भी की है कि सभी लोग 22 तारीख को सूबह 7 से रात 9 बजे तक अपने अपने घरों में तो रहे, लेकिन ठीक साम 5 बजे सिर्फ पांच मिनट के लिए अपने घर की खिड़की या बालकनी में आकर ताली बजाते हुए उन लोगों का आभार व्यक्त करें, जो इस विपदा के बीच अपनी जान की परवाह किये बिना हमारी सेवा और रक्षा में सड़कों पर हैं या अपने घरों से बाहर हैं। इनमें मुख्य रूप से मरीजों की सेवा में जुटे डॉक्टर, सड़कों पर व्यवस्था बनाने वाले पुलिसकर्मी और संबंधित प्रशासन, नगर निगम के सफाई कर्मी, आप तक पल पल का अपडेट पहुंचाने वाले मीडिया कर्मी आदि लोग शामिल हैं। ऐसे लोगों को प्रोत्साहित करना हमारा कर्तव्य है। पीएम ने इन मिनटों में लोगों से इन लोगों का आभार व्यक्त करने की अपील की है।

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जनता कर्फ्यू और कर्फ्यू में क्या फर्क है?

जनता कर्फ्यू और आम कर्फ्यू में एक बड़ा फर्क है। जनता कर्फ्यू लोगों को खुद लगाना है। यह एक तरह का अनुरोध है। लोगों को खुद अपने घरों तक सीमित रखना है। वैसे अगर किसी जरूरी काम के लिए कोई व्यक्ति घर से बाहर निकलता है, तो उसके खिलाफ किसी तरह का एक्शन नहीं लिया जाएगा। लेकिन, हमें खुद ये सोचना होगा कि, अगर हम बिना किस कारण घर से बाहर निकल रहे हैं, तो ये मानवता के खिलाफ होगा। वहीं, कर्फ्यू प्रशासन की ओर से लगाया जाता है। आम कर्फ्यू जनता से अनुरोध नहीं होता बल्कि बिगड़ी व्यवस्थाओं को नियंत्रण में लाने के लिए लगाया जाता है। आम कर्फ्यू की स्थिति में नियम तोड़ने वाले इंसान पर कार्रवाई होती है।ये अकसर हिंसा वगैरा की स्थिति में लगाया जाता है, लेकिन जनता कर्फ्यू कोरोना के फैलते संक्रमण से लड़ने के लिए लगाया जा रहा है।

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जनता कर्फ्यू और कर्फ्यू में क्या समानता है?

दोनों में एक बड़ी समानता यह है कि दोनों के दौरान लोगों को अपने घरों तक सीमित रहना होता है। जिंदगी के लिए बहुत जरूरी काम की स्थिति में ही घर से बाहर निकलना होता है।


जनता कर्फ्यू और सिटी लॉकडाउन में क्या फर्क है?

सिटी लॉकडाउन और सामान्य कर्फ्यू में काफी समानता है। दोनों प्रशासन द्वारा लगाया जाता है। लेकिन जनता कर्फ्यू इन दोनों से अलग है। इसमें लोगों को खुद से अपने घरों तक सीमित रखना है। उन पर प्रशासन का कोई दबाव नहीं होगा। ये सिर्फ नैतिकता की बात है।