MUST READ जानिए कैसे काम करता है ई-वे बिल जीएसटी काउंसिल के निर्देश के बाद प्रदेशों में 16 जनवरी से वे ई-वे बिल का ट्रायल शुरू होगा। इसे एक फरवरी से लागू करने के लिए काउंसिल की तरफ से तारीख तय की गई है। इसके बाद विभाग ने भी ई-वे बिल के लिए ऑनलाइन सिस्टम तैयार कर लिया है। विभाग ने दावा किया है कि सिस्टम पूरी तरह तैयार है। कारोबारियों, कर सलाहकारों और ट्रांसपोटर्स को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। जानकारों के मुताबिक 16 जनवरी से लागू ई-वे बिल ऐच्छिक होगा।
यह है ई-वे बिल
किसी भी रजिस्टर्ड व्यापारी को 50 हजार से अधिक के माल का परिवहन करना है तो उसे अनिवार्य रूप से ई-वे बिल जनरेट कर माल ले जा रहे वाहन के साथ इनवाइस सहित ई-वे बिल भी भेजना होगा। काउंसिल ने 10 किमी से ज्यादा दूरी के माल परिवहन के लिए ई-वे बिल अनिवार्य किया है।
किसी भी रजिस्टर्ड व्यापारी को 50 हजार से अधिक के माल का परिवहन करना है तो उसे अनिवार्य रूप से ई-वे बिल जनरेट कर माल ले जा रहे वाहन के साथ इनवाइस सहित ई-वे बिल भी भेजना होगा। काउंसिल ने 10 किमी से ज्यादा दूरी के माल परिवहन के लिए ई-वे बिल अनिवार्य किया है।
-पोर्टल में जानकारी देने की प्रक्रिया सरल होना चाहिए। चैकिंग कौन करेगा यह निश्चित नहीं हो पाया है। इंस्पेक्टर राज की पुनरावृत्ति नहीं होना चाहिए।
-अशोक कुमार मालपानी, अध्यक्ष, श्री भोपाल ट्रांसपोर्ट एसो. -16 जनवरी से एनआईसी द्वारा तैयार किए गए पोर्टल पर ई-वे बिल डाउनलोडिंग की सुविधा शुरू होगी। एक फरवरी से इसे अमल में लाया जाएगा।
-आरपी श्रीवास्तव, उपायुक्त (राज्य कर अधिकारी) वाणिज्यिक कर विभाग
-अशोक कुमार मालपानी, अध्यक्ष, श्री भोपाल ट्रांसपोर्ट एसो. -16 जनवरी से एनआईसी द्वारा तैयार किए गए पोर्टल पर ई-वे बिल डाउनलोडिंग की सुविधा शुरू होगी। एक फरवरी से इसे अमल में लाया जाएगा।
-आरपी श्रीवास्तव, उपायुक्त (राज्य कर अधिकारी) वाणिज्यिक कर विभाग
तो कदम कदम पर लगेगा टैक्स एक जनवरी से ई-वे बिल लागू होने जा रहा है। पड़ोस की दुकान में भी कोई सामान भेजा जाएगा तो ईवे बिल जरूरी हो जाएगा। इसके साथ ही यदि किसी वाहन में 51 हजार रुपए का माल भरा हुआ है तो पूरे माल का ही ई-वे बिल ट्रांसपोर्टर को जारी करना पड़ेगा। मध्यप्रदेश के जीएसटी विभाग के डिप्टी कमिश्नर नरेंद्र सिंह चौहान ने भोपाल में हुई कार्यशाला में वकीलों और चार्टर्ड एकाउंटेंट के सवालों के कई प्रश्नों के जवाब दिए।
चौहान ने कहा कि यह बिल सभी की सहूलियतों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। यदि रास्ते में सामान लेकर आ रही गाड़ी खराब हो जाए तो उसके लिए भी इसमें प्रावधान कर दिया गया है।
तो पूरे माल का लगेगा ई-वे बिल
यदि किसी वाहन में 51 हजार रुपए का माल भरा है तो पूरे माल का ई-वे बिल ट्रांसपोर्टर को जारी करना होगा। ज्ञात हो कि कोई भी रजिस्टर्ड व्यक्ति ई-वे बिल के बिना 50 हजार रुपए से अधिक का सामान कहीं सप्लाई नहीं कर सकेगा। जीएसटी के तहत किसी भी सामान के ट्रांसपोर्टेशन के लिए ई-वे बिल की व्यवस्था को जीएसटी काउंसिल ने मंजूरी दे दी है। गौरतलब है कि राज्य के अंदर ही वस्तुओं को ट्रांसपोर्ट करने के लिए इंट्रा स्टेट ई-वे बिल बनेगा, जबकि एक राज्य से दूसरे राज्य में माल भेजने या मंगाने के लिए इंटर स्टेट ई-वे बिल बनेगा।
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