
Air Pollution at risk MPPCB Big Revealed for 29 Districts of MP(फोटो सोर्स: सोशल मीडिया)
MP News: मध्य प्रदेश में वायु प्रदूषण रोकने के लिए किए जा रहे इंतजाम और उपाय नाकाफी साबित हो रहे हैं। वर्ष 2024-25 में पिछले साल की तुलना में 29 जिला मुख्यालयों की आबोहवा सुधरने के बजाय और बिगड़ गई। यहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सुधरने के बजाय और बढ़ गया है। इनमें देश का सबसे स्वच्छतम शहर इंदौर भी शामिल है। हालांकि भोपाल में सुधार हुआ है। खास बात यह है कि आदिवासी बहुल जिलों आलीराजपुर, डिंडोरी, उमरिया, बैतूल में भी एक्यूआइ घटने के बजाय बढ़ रहा है। छोटे जिलों में भी अब तेजी से विकास कार्य होने और मापदंडों का पालन नहीं होने से यहां की हवा में भी प्रदूषण घुलता जा रहा है। चौंकाने वाला यह खुलासा (Shocking Revelation) मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MP Pollution Control Board) ने किया है।
प्रदूषण के लिए पराली और नरवाई जलाने के साथ ही निर्माण कार्य और खराब सड़कें मुख्यत: जिम्मेदार मानी जा रही हैं। धूल उड़ती है और वातावरण में पीएम-10 और पीएम 2.5 बढ़ जाता है। यह खुलासा मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की 2024-25 की वार्षिक रिपोर्ट में हुआ है। अधिकारियों के अनुसार जिलों में संबंधित विभाग को कार्रवाई के लिए पत्र द्वारा सूचित किया गया है।
डीजल वाले वाहनों कीसंख्या में कमी लाई जाए।
पुराने वाहनों के आवागमनपर रोक लगाई जाए।
घरेलू कचरे को जलाने परसख्ती से रोक लगाई जाए।
भवन निर्माण स्थलों पर टीनया ग्रीन नेट की व्यवस्था हो।
किसानों द्वारा नरवाई जलानेपर सख्ती से रोक लगाई जाए।
जिला - पहले - अब
सिंगरौली 135 154
इंदौर 113 114
धार 109.76 112
बैतूल 106 121
रतलाम 106 114
रायसेन 99 102
हरदा 99 103
सागर 89 90
सिवनी 82 88
मंडला 79 90
बालाघाट 78 86
खरगोन 77 90
अशोकनगर 77 78
आलीराजपुर 74 77
जिला - पहले - अब
शिवपुरी 74 79
मुरैना 72 77
श्योपुर 66 76
मंदसौर 64 70
आगर 61 66
डिंडोरी 61 63
उमरिया 60 63
भिंड 59 66
अनूपपुर 58 69
निवाड़ी 58 62
छतरपुर 57 63
टीकमगढ़ 56 57
दमोह 51 73
रीवा 51 64
(मैहर जिले में 45 से बढ़कर 65 हो गया एक्यूआइ)
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा देश के 131 शहरों को नॉन अटेनमेंट सिटी घोषित किया गया है। इनमें मध्यप्रदेश के सात शहर भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, उज्जैन, सागर और देवास शामिल हैं। मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में इन सातों शहरों की वायु में पीएम-10 की स्थिति सुधरने का दावा किया गया है। दावे के अनुसार सबसे ज्यादा 27 फीसदी सुधार जबलपुर में आया है, जबकि सबसे कम 5 प्रतिशत सुधार देवास में आया है। वर्तमान में वर्ष 2025-26 तक पीएम-10 के स्तर में 40 प्रतिशत तक कमी या राष्ट्रीय मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की उपलिब्ध हासिल करने का संशोधित लक्ष्यनिर्धारित किया गया है।
Published on:
11 Aug 2025 11:42 am
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