
SSB army
इंडियन आर्मी जॉइन करने के लिए कुछ स्पेशल तैयारी की जरूरत होती है। मसलन आपको नेशनल और इंटरनेशनल अफेयर्स की अच्छी जानकारी होनी चाहिए, साथी ही आप शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होने चाहिए हों। यूपीएससी परीक्षा के आधार पर या परसेंटेज के आधार पर जो भी स्टूडेंट्स एसएसबी के लिए शॉर्टलिस्ट हुए हैं उन्हें एसएसबी की तैयारी कुछ खास तरीके से करनी होगी। सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर यह परीक्षा होती कैसी है।
आपको बता दें कि एसएसबी का पांच दिन का टेस्टिंग शेड्यूल होता है। इन टेस्ट में केवल फिजिकल फिटनेस ही नहीं बल्कि स्टूडेंट्स की पर्सनेलिटी को भी देखा जाता है। यहां जानें पांचों दिन के शेड्यूल के बारे में -
पहला दिन (स्टेज 1) -
1. इंटेलिजेंस टेस्ट (वर्बल एंड नॉन वर्बल)
2. पिक्चर परसेप्शन एंड डिस्क्रिप्शन टेस्ट
इस टेस्ट में 30सेकंड के लिए एक पिक्चर दिखाई जाती है। कैंडिडेट को एक मिनट के समय में 7 बेसिक पैरामीटर्स नोट करने होते हैं जैसे कितने कैरेक्टर्स थे, उनकी उम्र, जेंडर, मूड, उनका भूत, भविष्य और वर्तमान का एक्शन। वहीं स्टोरी राइटिंग के लिए चार मिनट का समय दिया जाता है।
3. डिस्कशन ऑफ पिक्चर - 30 मिनट
इसके तहत पूरे बैच को कुछ ग्रुप्स में बांट दिया जाता है। हर ग्रुप की स्ट्रेंथ करीब करीब 15 कैंडिडेट्स होती है। हर कैंडिडेट अपनी लिखी हुई स्टोरी सुनाता है। इसके बाद पहली स्टेज के परिणाम घोषित किए जाते हैं। चयनित कैंडिडेट्स अगले दिन स्टेज 2 के टेस्ट के लिए रोक लिए जाते हैं, बाकियों को यहीं से वापस भेज दिया जाता है।
दूसरा दिन (स्टेज 2) -
1. थीमेटिक एप्रिसिएशन टेस्ट
इस टेस्ट में 12 पिक्चर्स दिखाई जाती हैं जिसमें एक ब्लैंक होती है। केंडिडेट्स से कहा जाता है कि वे इस स्टोरी को कंप्लीट करें। हर पिक्चर 30 सेकंड के लिए दिखाई जाती है और यहां भी स्टोरी लिखने के लिए केवल चार मिनट ही मिलते हैं। ब्लैंक स्लाइड में उन्हें अपने आप से कोई पिक्चर सोचनी होती है और इस पर स्टोरी घडऩी होती है।
2. वर्ड एसोसिएशन टेस्ट
इस टेस्ट में कैंडिडेट को 15 सेकंड के लिए एक के बाद एक 60 शब्दों की सीरीज दिखाई जाती है। कैंडिडेट को इन शब्दों को देखकर दिमाग में आपने वाला पहला विचार या आइडिया लिखना होगा।
3. सिचुएशन रिएक्शन टेस्ट
इसमें 60 रुटीन लाइफ सिचुएशन होती हैं। यह सिचुएशंस एक बुकलेट में प्रिंट होती हैं और कैंडिडेट को इस पर अपने रिएक्शंस लिखने होते हैं, जैसे कि अगर वे इस स्थिति में होते तो क्या करते, या क्या सोचते, या कैसा महसूस करते।
4. सेल्फ डिस्क्रिप्शन टेस्ट
इसमें कैंडिडेट को पाच अलग अलग पैराग्राफ्स में अपने बारे में अपने माता पिता/गार्जियन, दोस्त, टीचर्स या सुपीरियर्स के ओपीनियन लिखने होते हैं।
तीसरा दिन (ग्रुप टेस्ट)
1. ग्रुप डिस्कशन
इसमें कॉमन इंट्रस्ट के दो टॉपिक्स पर डिस्कशन होता है। इसमें सोशल इश्यू और करंट इवेंट्स पर चर्चा होती है। यह इंफॉर्मल डिस्कशन होता है न कि डिबेट। दोनों टॉपिक्स को चर्चा के लिए 20-20 मिनट दिए जाते हैं।
2. ग्रुप प्लानिंग एक्सरसाइज
इसमें पांच स्टेजेस होती हैं - एक्स्प्लेनेशन ऑफ मॉडेल, रीडिंड ऑफ नेरेटिव बाय जीटीओ, फाइव मिनिट सेल्फ रीडिंग बाय कैंडिडेट, 10 मिनट फॉर इंडीविजुअल रिटन सॉल्यूश और कंक्लूजन।
3. प्रोग्रेसिव ग्रुप टास्क
यह पहला आउटडोर टास्क होता है। इसमें चार रुकावटें होती हैं और एक के बाद एक यह टास्क मुश्किल होता चला जाता है। यह टास्क करीब ४० से ५० मिनट में पूरा करना होता है। इसके लिए स्ट्रक्चर्स, हैल्पिंग मटीरियल और वजन सब कुछ कैंडिडेट को दिया जाता है।
4. ग्रुप ऑब्स्टैकल रेस
इसमें एक दूसरे के खिलाफ प्रदर्शन करना होता है और इस टास्क में छह ऑब्स्टैकल्स यानी कि रुकावटें होती हैं और साथ ही कुछ वजन भी ले जाना होता है।
5. हाफ ग्रुप टास्क
इसमें ग्रुप को दो सब ग्रुप्स में डिवाइड किया जाता है और दोनों को एक ही काम दिया जाता है, लेकिन जब एक ग्रुप अपना टास्क कर रहा होता है तो दूसरा ग्रुप उसे नहीं देख सकता। इसके लिए दोनों ही ग्रुप्स को १५ मिनट का समय मिलता है।
6. लेक्चरेट
यह इंडिवीजुअल टास्क होता है और कैंडिडेट को ग्रुप से बात करनी होती है। लेक्चरेट कार्ड्स पर चार टॉपिक्स दिए होते हैं, जिसमें से कोई एक टॉपिक चुनना होता है और इसकी तैयारी के लिए तीन मिनट का समय मिलता है।
चौथा दिन -
1. इंडिविजुअल ऑब्स्टैकल्स
यह इंडिवीजुअल टास्क होता है और हर कैंडिडेट को १० ऑब्स्टैकल्स का सेट मिलता है। इन ऑब्स्टैक्ल्स को एक से दस तक नंबर दिया जाता है। इस टास्क के लिए एक इंडीविजुअल को तीन मिनट दिए जाते हैं।
पांचवां दिन -
पांचवें दिन बोर्ड के डिप्यूटी प्रेसिडेंट कैंडिडेट्स को एड्रेस करते हैं, इसके बाद कॉन्फ्रेंंस होती है और रिजल्ट अनाउंस किए जाते हैं।
Published on:
19 May 2018 02:49 pm
बड़ी खबरें
View Allशिक्षा
ट्रेंडिंग
