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एनबीएफसी को लेकर बातचीत
बैठक में एनबीएफसी को मोरेटोरियम का फायदा देने की बात हुई। कुछ दिन पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से कहा भी गया था कि पेमेंट हॉलिडे का फायदा नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को भी मिलना चाहिए। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और पंजाब नेशनल बैंक इस फैसले के पक्ष में बिल्कुल भी थे। बता दें कि लोन मोरेटोरियम पीरियड के तहत 30 जून तक की राहत दी गई है।
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ताकि मिलता रहे एमएसएमई को लोन
मौजूदा समय में एमएसएमई सेक्टर सबसे ज्यादा दिक्कत में है। वहीं इकोनॉमी में योगदान भी एमएसएमई का काफी बड़ा है। ऐसे में इस सेक्टर को लोन में दिक्कत ना हो इस बारे में भी चर्चा की गई। बैठक में सेक्टर को लोन देने से लेकर तीन महीने के मोराटोरियम पीरियड और फाइनैंशल सेक्टर में स्टैबिलिटी को लेकर भी काफी बातचीत हुई। आपको बता दें कि हाल ही में आरबीआई की ओर से म्यूचुअल फंड को 50 हजार करोड़ रुपए का राहत पैकेज दिया है।
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बैंकों से मांगा जा रहा है हिसाब
वहीं दूसरी ओर वित्त मंत्रालसद की ओर से साफ कह दिया गया है कि कर्ज या यूं कहें कि लोन बांटने में किसी तरह की कोताही ना बरती जाए। साथ ही लोन देने में भी किसी तरह की देरी ना करें। वहीं बैंकों से रोजाना हिसाब मांगा जा रहा है कि उन्होंने आज की डेट में कितना लोन दिया है। वास्तव में बैंक बैड लोन के डर से लोन देने में कतरा हैं, लेकिन उनपर सरकार का जबरदस्त दबाव देखने को मिल रहा है।